नयी दिल्ली, 22 जून (एजेंसी)
अपनी ही पार्टी में चुनौतियों का सामना कर रहे लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नेता चिराग पासवान ने मंगलवार को कहा कि भाजपा के साथ उनके संबंध ‘एकतरफा’ नहीं रह सकते हैं और यदि उन्हें घेरने का प्रयास जारी रहा तो वह अपने भविष्य के राजनीतिक कदमों को लेकर सभी संभावनाओं पर विचार करेंगे।
चिराग ने एक भेंट में कहा कि उनके पिता रामबिलास पासवान और वह हमेशा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा भाजपा के साथ ‘चट्टान’ की तरह खड़े रहे, लेकिन जब इस ‘कठिन’ समय के दौरान उनके हस्तक्षेप की उम्मीद थी, तो यह दल (भाजपा) साथ नहीं था। चिराग ने रेखांकित किया कि उनका मोदी में विश्वास कायम है। यह पूछे जाने पर कि क्या मौजूदा संकट के दौरान भाजपा ने उनसे संपर्क किया था, उन्होंने कहा कि इसका चुप रहना ‘उचित’ नहीं था, जबकि जद (यू) लोजपा में विभाजन के लिए ‘काम कर रही थी।’
उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी ने उनकी पार्टी को विभाजित करने में स्पष्ट भूमिका निभाई और ऐसा करने का उनका इतिहास रहा है। उनके चाचा पशुपति कुमार पारस को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की अटकलों के बारे में चिराग ने जोर दिया कि ऐसा निर्णय उन्हें स्वीकार्य नहीं होगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह अब भी राष्ट्रीय स्तर पर खुद को भाजपा नीत राजग के घटक के रूप में देखते हैं, उन्होंने कहा कि यह भाजपा को तय करना है कि मैं गठबंधन का हिस्सा हूं या नहीं। मैंने उनके साथ एक सहयोगी के रूप में मेरी ईमानदारी साबित कर दी है… लेकिन यह रिश्ता हमेशा के लिए एकतरफा नहीं हो सकता।