नयी दिल्ली, 6 जुलाई (एजेंसी)
दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले साल उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित मामले में दायर आरोप पत्र और पूरक आरोप पत्र की सामग्री अदालत के संज्ञान लेने से पहले ही मीडिया को लीक होने की ‘व्यापक जांच’ करने के लिए दिल्ली पुलिस को मंगलवार को दो और सप्ताह दिए। जस्टिस मुक्ता गुप्ता की पीठ ने निर्देश दिया कि जांच पर रिपोर्ट वाली फाइल सुनवाई की अगली तारीख पर उसके समक्ष पेश की जाए।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्र एवं दंगों के आरोपी आसिफ इकबाल तनहा ने पिछले साल हाईकोर्ट का रुख किया था। तनहा ने पुलिस अधिकारियों पर आरोप पत्र में अपने कथित खुलासे वाले बयान को मीडिया को लीक करने में अनुचित व्यवहार का आरोप लगाया था, जो जांच के दौरान दर्ज किया गया था। तनहा के वकील एस शंकरन ने अदालत को बताया कि पूरक आरोप पत्र के लीक होने के संबंध में एक अतिरिक्त हलफनामा दायर किया गया है, लेकिन राज्य की प्रतिक्रिया रिकॉर्ड में नहीं है। विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) रजत नायर ने लीक की चल रही जांच की रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अदालत से और 2 सप्ताह का समय मांगा। उन्होंने कहा कि हालांकि जांच के उद्देश्य से संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया गया है, लेकिन कोविड-19 के चलते लागू लॉकडाउन के कारण इसका निष्कर्ष नहीं निकाला जा सका। हाईकोर्ट का कहना था कि,‘एक संस्था जो लॉकडाउन के दौरान भी चलती रहती है, वह है पुलिस।’