नयी दिल्ली, 8 जून (एजेंसी)
भारत और वियतनाम ने 2030 तक रक्षा संबंधों के दायरे को और व्यापक बनाने के लिए एक ‘विज़न’ दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके साथ ही दोनों देशों की सेनाओं को एक-दूसरे के प्रतिष्ठानों का इस्तेमाल करने की अनुमति देने के लिए ‘लॉजिस्टिक सपोर्ट’ समझौता भी किया गया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को वियतनाम के अपने समकक्ष जनरल फान वान गियांग के साथ मुलाकात की और दोनों देशों के बीच रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनने के बाद इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गये। दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती आक्रामकता के बीच दोनों देश के मध्य सामरिक संबंध में इस प्रगति को अहम माना जा रहा है। यह पहला ऐसा बड़ा समझौता है, जो वियतनाम ने किसी देश के साथ किया है। इस समझौते से दोनों देशों की सेना एक-दूसरे के प्रतिष्ठानों का इस्तेमाल मरम्मत कार्य के लिए और आपूर्ति संबंधी कार्य के लिए कर पाएगी। सिंह ने कहा कि भारत और वियतनाम के बीच करीबी रक्षा और सुरक्षा सहयोग हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिरता के लिए अहम है। सिंह तीन दिवसीय यात्रा पर मंगलवार को वियतनाम पहुंचे थे।
50 करोड़ डॉलर की ऋण सुविधा देगा भारत : सिंह और जनरल गियांग ने भारत की ओर से वियतनाम को रक्षा क्षेत्र के लिए 50 करोड़ डॉलर की ऋण सुविधा (एलओसी) को जल्द अंतिम रूप देने पर भी सहमति व्यक्त की। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि एलओसी के जरिए परियोजनाओं के क्रियान्वयन से वियतनाम की रक्षा क्षमताओं में काफी इज़ाफा होगा और इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।