चंडीगढ़, 22 मई (ट्रिन्यू)
प्रदेशभर के स्कूलों में पहली जून से शुरू होने जा रही गर्मी की छुट्टियों के दौरान स्कूली बच्चों को बेहद दिलचस्प व रोचक गृहकार्य दिया है। अवकाश अवधि में बच्चे होमवर्क के दौरान दादी-नानी से सेवाभाव सीखेंगे और पक्षियों के लिए तपती गर्मी में दाना-पानी का प्रबंध करेंगे। ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान भगवान की प्रार्थना, भजन या शब्द को कंठस्थ करेंगे। हर रोज सुबह अपने बिस्तर को सहेजेंगे और योगाभ्यास व सैर भी करेंगे।
शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए बालवाटिका-3 से कक्षा पांचवीं के लिए निपुण कार्यक्रम और नावाचारी ग्रीष्म अवकाश में होमवर्क की योजना तैयार की है। बालवाटिका-3 के विद्यार्थी ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान तरबूज व खरबूजे के बीजों को साफ कर उनकी गिनती कर 5-5 तथा 10-10 के जोड़े बनाएंगे। बच्चों को दादा-दादी, माता-पिता और नाना-नानी के पैर दबाने और सोने से पहले उनसे कहानी सुननी है। बच्चों को अवकाश के दौरान सांप-सीढ़ी, लूडो, कैरम जैसे खेल खेलने हैं, जिनमें परिवार के सदस्यों की भागीदारी होगी। इसके साथ ही उनके विवाह के दौरान बनाई गई मिठाइयों की जानकारी लेंगे। बच्चों को चिकनी मिट्टी अथवा आटे को गूंथ कर गोलियां व खिलौने बनाने हैं और सप्ताह में कम से कम एक दिन टीवी, मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रानिक्स आइटम्स से दूर रहना है।
खिलाड़ियों के नाम भी लिखने होंगे : दूसरी व तीसरी कक्षा के विद्यार्थी भारत में खेले जाने वाले तीन प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय खेलों का नाम एक-एक प्रमुख भारतीय खिलाड़ी का नाम याद कर कापी पर लिखेंगे। साथ ही पांच दालों के नाम और पहचान, 10 फल और सब्जियों के नाम, रसोई में अलग-अलग पांच धातुओं के पांच बर्तन, घर में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों के नाम और कपड़े से बनी तीन वस्तुओं, लकड़ी से बनी, कांच से बनी और प्लास्टिक से बनी वस्तुओं के नाम को याद रखेंगे।
हर रोज नोट करना होगा तापमान
कक्षा पहली के विद्यार्थी अपने पारिवारिक सदस्यों के साथ दाल, मटर, राजमा के दाने, तरबूज व खरबूजे के बीजों को साफ कर उन्हें जोड़कर गिनती तैयार करेंगे। बच्चों को एक कविता, प्रार्थना, भजन, शबद व अन्य धार्मिक प्रार्थना कंठस्थ करनी होगी। बच्चों को हर रोज का तापमान, माता-पिता से पूछकर नोट करना होगा। बच्चों को सूर्योदय व सूर्यास्त का समय नोट करना है। बच्चों को 3 से 5 पक्तियां में अपना परिचय लिखकर वीडियो बनाकर शिक्षक को भेजनी होगी।
रोज लिखेंगे डायरी
होमवर्क के दौरान पारिवारिक सदस्यों की अहम भूमिका रहेगी, खासकर नाना-नानी, दादा-दादी व परिवार के अन्य सदस्यों की सहभागिता के साथ पूरा होगा। साथ ही, मातृभाषा में गीत, लोक गीत, पहेलियां, कहानियां, वृतांत, किस्से और रीति-रिवाज के साथ जुड़ाव को बढ़ाना है। शहरी व ग्रामीण परिवेश में रहने वाले विद्यार्थी एकल व संयुक्त परिवार में रहने वाले विद्यार्थी अपने परिवार के सदस्यों का चयन करेंगे। कक्षा चौथी और पांचवीं के विद्यार्थी हर रोज अपनी डायरी लिखेंगे।
पर्यावरण संरक्षण के संवाहक भी बनेंगे
चौथी व पांचवीं के विद्यार्थी पर्यावरण संरक्षण के संवाहक बनेंगे। पेड़-पौधों में पानी देने के साथ उनका रखरखाव भी करेंगे। पक्षियों के लिए पीने के पानी का बर्तन भरेंगे और पानी बचत के उपायों को भी जानेंगे। खेत, क्यारी, गमले में सब्जियों के बीज लगाने के साथ 40 तरह की गतिविधियों में योगदान देंगे।