नयी दिल्ली, 8 मार्च (एजेंसी)
भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले क्षेत्रों से संबंधित मुद्दों को सुलझाने के लिए शुक्रवार को 15वें दौर की उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता करेंगे। रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अब तक की बातचीत के परिणामस्वरूप पैगोंग सो (झील) के उत्तरी और दक्षिणी किनारे, गलवान और गोगरा हॉट स्प्रिंग क्षेत्रों के मुद्दों का समाधान हुआ है।
हालांकि, इस साल 12 जनवरी को हुई बातचीत के 14वें दौर में कोई नयी सफलता नहीं मिली थी। सूत्रों के अनुसार, शेष क्षेत्रों में 22 महीने से जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए दोनों पक्ष शुक्रवार को लद्दाख में चुशुल मोल्दो में अगले दौर की बैठक करेंगे। उन्होंने उल्लेख किया कि पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान खोजने के लिए दोनों पक्षों द्वारा हाल के बयान उत्साहजनक हैं।
पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद 5 मई 2020 को भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध शुरू हुआ। दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे हजारों सैनिकों के साथ-साथ भारी सैन्य साजो सामान की तैनाती कर दी।
वर्तमान में संवेदनशील क्षेत्र में एलएसी पर दोनों पक्षों के लगभग 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं।
कुछ ताकतें बढ़ा रहीं तनाव : वांग यी
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने सोमवार को कहा कि उनके देश और भारत को पिछले कुछ साल में द्विपक्षीय संबंधों में ‘थोड़ी मुश्किलों का’ सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि सीमा संबंधी मतभेदों पर समान स्तर से वार्ता होनी चाहिए ताकि एक ‘निष्पक्ष और उचित’ हल निकल सके। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ ताकतों ने चीन और भारत के बीच हमेशा तनाव पैदा करने की कोशिश की है। उनका इशारा संभवत: अमेरिका की तरफ था।