अयोध्या, 5 अगस्त (एजेंसी)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखे जाने के बाद कहा कि यह आनंद का क्षण है, जो संकल्प लिया गया था, वह आज पूरा हुआ है। अयोध्या में भूमि पूजन कार्यक्रम के बाद अपने संबोधन में उन्होंने कहा, ‘अनेक लोगों ने बलिदान दिया है और वे सूक्ष्म रूप में यहां उपस्थित हैं, क्योंकि वे प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित नहीं हो सकते। ऐसे भी लोग हैं जो यहां आ नहीं सकते। रथयात्रा का नेतृत्व करने वाले आडवाणी जी घर बैठकर इस कार्यक्रम को देख रहे होंगे। कितने ही लोग हैं जो आ भी सकते हैं, लेकिन बुलाए नहीं जा सकते, परिस्थति ऐसी है।’ उन्होंने कहा, ‘पूरे देश में देख रहा हूं कि आनंद की लहर है, सदियों की आस पूरी होने का आनंद है। लेकिन, सबसे बड़ा आनंद है भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जिस आत्मविश्वास की आवश्यकता थी और जिस आत्म-भान की आवश्यकता थी, उसका साकार अधिष्ठान बनने का शुभारंभ आज हो रहा है।’भागवत ने कहा कि यह अधिष्ठान है आध्यात्मिक दृष्टि का। सारे जगत में अपने को और अपने में सारे जगत को देखने की भारत की दृष्टि का। उन्होंने अाह्वान किया कि हम सब लोगों को अपने मन की अयोध्या को भी सजाना-संवारना है। उन्होंने कहा, ‘यहां पर जैसे-जैसे मंदिर बनेगा, वैसे ही मन की अयोध्या भी बनती चली जानी चाहिए और इस मंदिर के पूर्ण होने के पहले हमारा मन मंदिर बनकर तैयार रहना चाहिए। हमारा हृदय भी राम का बसेरा होना चाहिए।’