चेन्नई, 15 दिसंबर (एजेंसी)
सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) ने अखिल भारतीय द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री पी. थंगामणि के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में बुधवार को तमिलनाडु के विभिन्न स्थानों पर छापे मारे। पुलिस ने यह जानकारी दी। विपक्षी दल ने अपने प्रतिद्वंद्वी, सत्तारूढ़ द्रमुक पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि छापेमारी के जरिए अन्नाद्रमुक के समर्थकों को शहरी स्थानीय निकाय चुनाव से पहले सक्रिय रूप से काम करने से रोकने की कोशिश की जा रही है, साथ ही कहा कि पार्टी किसी भी जांच का सामना करने को तैयार है।
थंगामणि, उनकी पत्नी और बेटे के खिलाफ मई 2016 से मार्च 2020 की चेक अवधि के दौरान आय के ज्ञात स्रोतों के अनुपात में 4.85 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। उनके खिलाफ नमक्कल में भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। थंगामणि राज्य में पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान बिजली एवं आबकारी विभाग का जिम्मा संभाल रहे थे। मौजूदा सदन में वह कोमरापलायम विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। पुलिस ने बताया कि डीवीएसी के अधिकारी चेन्नई, सेलम, करूर और नमक्कल सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में कई स्थानों पर छापे मार रहे हैं। वह राज्य के मुख्य विपक्षी दल के पांचवें पूर्व मंत्री हैं, जिन पर आय से अधिक संपत्ति के आरोप हैं। थंगामणि से पहले एमआर विजयभास्कर, एसपी वेलुमणि, केसी वीरामणि और सी विजयभास्कर पर भी ऐसे ही आरोप लगे हैं। छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए, वरिष्ठ नेता केवी रामालिंगम ने आरोप लगाया कि पूर्व मंत्रियों को पिछले कुछ महीने से ‘‘निशाना” बनाया जा रहा है और कहा कि अन्नाद्रमुक ऐसी कार्रवाइयों के आगे घुटने नहीं टेकेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि द्रमुक, लोगों से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित करने की बजाय, ‘‘ अन्नाद्रमुक को खत्म करने की कोशिश कर रही है, जो कभी नहीं होगा। यह एक जन आंदोलन है, जिसकी शुरुआत एमजीआर (पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत एमजी रामाचंद्रन) ने की थी।” उन्होंने आरोप लगाया कि छापेमारी के जरिए अन्नाद्रमुक के समर्थकों को शहरी स्थानीय निकाय चुनाव से पहले सक्रिय रूप से काम करने से रोकने की कोशिश की जा रही है। ‘‘ अन्नाद्रमुक किसी भी जांच का सामना करने को तैयार है।’