भोपाल, 22 अप्रैल (एजेंसी)
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि पिछले आठ वर्षों में नरेंद्र मोदी सरकार ने कश्मीर मुद्दे, नक्सलवाद और पूर्वोत्तर क्षेत्र में नशीले पदार्थों एवं हथियारबंद समूहों जैसी समस्याओं के समाधान में बड़ी सफलता हासिल की है। गृह मंत्री पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) द्वारा आयोजित 48 वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस (एआईपीएससी) के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि देशभर की पुलिस को ‘एकवाक्यता’ और एक-दूसरे के साथ सामंजस्य से काम करना होगा तथा अपराधियों से दो कदम आगे रहने के लिए पुलिस को आधुनिक तकनीक की जानकारी रखने की जरूरत है। शाह ने कहा देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए पुलिस बल के आधुनिकीकरण और प्रशिक्षण की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘डाटा नया विज्ञान है और बिग डाटा में सभी समस्याओं का समाधान है।’ इस वाक्य को पुलिस को आत्मसात करना चाहिए।
शाह ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में नरेंद्र मोदी सरकार ने कश्मीर मुद्दे, नक्सलवाद और पूर्वोत्तर क्षेत्र में नशीले पदार्थों तथा हथियारबंद समूहों जैसी समस्याओं का समाधान लगभग कर दिया है। गृह मंत्री ने कहा, ‘अनुच्छेद 370 के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर विकास हो रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘मोदी सरकार में आतंकवाद पर हमारी सुरक्षा एजेंसियों का वर्चस्व दिखाई देता है। प्रक्रिया और परिपूर्णता सफलता के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं लेकिन सफलता केवल जज्बे से ही आ सकती है और इस जज्बे का पुलिस बल में नीचे कांस्टेबल तक निर्माण किया जाना चाहिए।’ इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम के संबंध में एक अधिकारी ने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न पुलिस बलों, इकाइयों, सामाजिक वैज्ञानिकों, फॉरेंसिक विशेषज्ञों और अन्य हितधारकों को भारतीय पुलिस से जुड़े चुनिंदा हित के विषयों पर विचार-विमर्श करने के लिए साझा मंच प्रदान करना है।
पहली बार ऐसा आयोजन
अधिकारियों ने बताया कि पहली बार एआईपीएससी में पुलिस बल, इकाइयां, सामाजिक वैज्ञानिक, फॉरेंसिक विशेषज्ञ और हितधारकों के साथ-साथ सुधार प्रशासन विभाग के अधिकारी भी हिस्सा ले रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि आयोजन में महामारी के दौरान पुलिसिंग के लिए प्रोटोकॉल की जरूरत, प्रौद्योगिकी फॉरेंसिक की मदद, मानव संसाधन प्रबंधन और कल्याण में नेतृत्व परामर्शदाता सीएपीएफ से जुड़े मामले, कारावास प्रक्रिया और अन्य उपयुक्त कदमों पर विमर्श किया जाएगा।