नयी दिल्ली, 24 मई (एजेंसी)सीजेआई एनवी रमण की अध्यक्षता वाले उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने इलाहबाद हाईकोर्ट के 10 अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थायी न्यायाधीश नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कॉलेजियम ने 21 मई को हुई बैठक में यह निर्णय लिया और मंगलवार को शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर यह प्रस्ताव अपलोड किया गया। जिन न्यायाधीशों को पदोन्नति देने की अनुशंसा की गई है, उनमें जस्टिस संजय कुमार पचौरी, जस्टिस सुभाष चंद्र शर्मा, जस्टिस सुभाष चंद (वर्तमान में स्थानांतरण पर झारखंड हाईकोर्ट में कार्यरत), जस्टिस सरोज यादव, जस्टिस मो. असलम, जस्टिस अनिल कुमार ओझा, जस्टिस साधना रानी (ठाकुर), जस्टिस सैयद आफताब हुसैन रिजवी, जस्टिस अजय त्यागी और जस्टिस अजय कुमार श्रीवास्तव शामिल हैं। सीजेआई रमण के अलावा, जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस एएम खानविलकर कॉलेजियम में शामिल हैं, जो उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के संबंध में निर्णय लेता है।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।