नयी दिल्ली, 4 फरवरी (एजेंसी)
राज्यसभा में कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने विवादों में घिरे तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर बल देते हुए इस समस्या का ‘स्वीकार्य हल’ निकालने का सुझाव दिया और सरकार पर कटाक्ष किया कि ‘आत्ममुग्ध सरकारें, आत्मनिर्भर भारत का निर्माण नहीं कर सकतीं।’ हालांकि इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कहा कि इन तीनों कानूनों के माध्यम से देश के किसानों को आजादी मिल सकेगी।
उच्च सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर हो रही चर्चा में भाग लेते हुए विपक्षी दलों के सदस्यों ने सरकार से सवाल किया कि किसानों को आंदोलन करने की नौबत क्यों आयी? साथ ही उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि वह किसानों के दर्द को समझे और उन्हें दूर करने की कोशिश करे। हालांकि भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में ऐसे सुधारों का जिक्र किया था लेकिन अब उसके सुर बदल गए हैं। चर्चा में पूर्व प्रधानमंत्री एवं जद (एस) नेता एचडी देवेगौड़ा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, भाजपा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा व आम आदमी पार्टी के संजय सिंह आदि ने भाग लिया।
हंगामे में लोकसभा बाधित
कांग्रेस, द्रमुक सहित कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने लोकसभा में लगातार तीसरे दिन विवादों में घिरे तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर भारी हंगामा किया। विपक्ष के शोर-शराबे के कारण बृहस्पतिवार को लोकसभा की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी दलों की नारेबाजी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, ‘आपके कई नेताओं के महत्वपूर्ण प्रश्न हैं। मैं चाहता हूं कि प्रश्नकाल चले। जनता ने आपको जिस लिए चुनकर भेजा है उसे देखते हुए आपका यह व्यवहार उचित नहीं है।’