मदन लाल गर्ग/ हप्र
फतेहाबाद, 16मई
आधुनिक विज्ञान के युग में भी लोग किस कदर अंधविश्वासी हैं, इसकी एक बानगी फतेहाबाद के राजस्थान सीमा से सटे गांव खाबड़ा कलां में देखने को मिली। कुछ महीने पहले ही अस्तित्व में आया तुलसी धाम में राजस्थान, हरियाणा के अलग-अलग क्षेत्रों से हर रोज हजारों लोग अपनी बीमारी लेकर तुलसी धाम की माता के पास आ रहे हैं। लोगों का कहना है कि यहां 100-200 के बैच बनाकर झाड़े लगाये जा रहे हैं।
आज धाम के विरोध में गांव के पंचायत घर में महापंचायत हुई जिसमें जींद के कोथकलां से नाथ संप्रदाय के सबसे बड़े डेरे के महंत शुक्राई नाथ ने शिरकत की। महापंचायत में लोगों को पाखंडवाद के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ने की शपथ दिलाई। वहीं दूसरी ओर धाम की संचालिका संगीता देवी ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि वे पाखंडवाद को बढ़ावा नहीं दे रही, बल्कि लोग श्रद्धा से यहां आ रहे हैं।
बता दें कि करीब महीने पहले खाबड़ा कलां में कई एकड़ में बने धाम में अब रोजाना हजारों की संख्या में लोग झाड़ा लगवाने (झाड़-फूंक) के लिए आते हैं और बाकायदा वाहनों की ज्यादा तादाद होने के चलते करीब एक एकड़ में पार्किंग तक बनाई गई है। यहां पर साथ लगते राजस्थान क्षेत्र से काफी तादाद में लोग पहुंच रहे हैं।
आज हुई पंचायत में महंत शुक्राई नाथ ने बताया कि ग्रामीणों की तरफ से उन्हें बताया गया है कि खाबड़ा में अंधविश्वास फैलाया जा रहा है। इसी के खिलाफ आज महापंचायत हुई है। आज फैसला लिया गया है कि किसी भी रूप में यहां पाखंडवाद नहीं चलने देंगे, केवल खाबड़ा कलां में ही नहीं, जहां भी एेसे मामले होंगे, वहां लड़ाई लड़ी जाएगी। प्रशासन को भी इस मामले में शिकायत दी गई है।
लोगों का कहना है कि रोजाना आने वाले हजारों लोगों से प्रसाद के नाम पर 20 से 50 रुपये तथा पार्किंग की फीस के रूप में रुपये लिए जा रहे हैं और पाखंड के नाम पर लाखों रुपये ऐंठे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस पाखंड का प्रचार सोशल मीडिया पर भी खूब किया जा रहा है। धाम में राजस्थान नंबर की भारी संख्या में बसें, कारें, पिकअप खड़ी रहती हैं। धाम के बाहर फल फ्रूट, जूस, चाय, पकौड़े के स्टाल लग गये हैं। थोड़े आगे जाकर देखा तो धाम में एक पंडाल में संचालिका संगीता देवी सामने बैठे सैकड़ों लोगों को झाड़ा लगा रही थी।
संचालिका संगीता देवी ने आरोपों को निराधार बताया
जब इस बारे में संचालिका संगीता देवी से बात की गई तो उन्होंने आरोपों को निराधार बताया और कहा कि उनके धाम की प्रसिद्धि से विचलित होकर कुछ लोग आरोप लगा रहे हैं और अब पंचायत बुलाकर उनके खिलाफ लोगों को खड़ा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यहां पर तुलसी माता की पूजा की जाती है और उनके नाम पर ही लोगों को झाड़ा लगाया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रसाद के नाम पर जो लागत है मात्र वही स्टाल पर ली जाती है और चंदे के नाम पर कुछ भी नहीं लिया जाता। उन्होंने पार्किंग फीस के सवाल पर कहा कि लोगों की सुविधा के लिए दूसरों के खेत लिए हुए हैं और पार्किंग फीस से खेतों का रेंट दिया जाता है। यदि खेत न लें तो फिर लोगों को असुविधा होगी।