नक्सलवाद से मुक्ति बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए अभियान ने राज्य के बड़े हिस्से को नक्सलवाद से मुक्त कर दिया है। वर्ष 1967 में शुरू हुआ नक्सलवाद अब केवल छह ज़िलों तक सीमित रह गया है। सरकार की...
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प्लास्टिक का खतरा दैनिक ट्रिब्यून के 2 अप्रैल के सम्पादकीय में बताया गया कि प्लास्टिक मनुष्य जीवन के लिए खतरे की घंटी है। विकासशील देशों में सरकारें मूलभूत सुविधाओं पर ध्यान देती हैं, जिससे स्वास्थ्य मानक प्रभावित होते हैं। अध्ययन...
भाषा विवाद अनुचित देश में जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव तथा असहमति बढ़ाने वाले कुछ लोग अब भाषा को एक हथियार बना रहे हैं। हाल ही में महाराष्ट्र में मराठी न बोलने पर एक मॉल के कर्मचारियों के...
जिम्मेदार कौन उनतीस मार्च के दैनिक ट्रिब्यून में क्षमा शर्मा के लेख में टीआरपी के लिए मीडिया द्वारा रिया चक्रवर्ती को दोषी ठहराने के मुद्दे पर गहरी चिंता व्यक्त की गई है। सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या मामले में बिना...
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वक्फ बिल पर राजनीति केंद्र सरकार द्वारा संसद में पेश किए जाने वाले वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर बिहार में सत्तारूढ़ दलों के लिए यह अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। विपक्ष ने पटना के गांधी मैदान में इस बिल के...
भारत की ताकत ट्रंप ने व्हाइट हाउस से मोदी की तारीफों के पुल बांधे और भारत-अमेरिका रिश्तों में नई चमक भर दी। यह बयान कूटनीति और व्यापार की नई उष्मा का प्रतीक है। ट्रंप ने व्यापार शुल्क वार्ता को लेकर...
मानदेय पर सवाल छब्बीस मार्च के दैनिक ट्रिब्यून में 'माननीयों का मानदेय' संपादकीय एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाता है। वर्तमान आर्थिक स्थिति में तर्कसंगत फैसलों की आवश्यकता है ताकि अतिरिक्त वित्तीय बोझ से बचा जा सके। बेरोजगारी, महंगाई और सरकारी विभागों...
न्याय व्यवस्था की साख सत्ताईस मार्च के दैनिक ट्रिब्यून में प्रमोद जोशी का लेख ‘जरूरी है न्याय व्यवस्था की साख कायम रखना’ पढ़कर यह महसूस हुआ कि हाल के समय में न्यायपालिका को लेकर सवाल उठने लगे हैं। कई बार...
बिहार के संकट बिहार में राजनीति और राजनेताओं के व्यवहार हमेशा चर्चा का विषय बनते रहते हैं। हाल ही में, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राष्ट्रगान के दौरान मुख्य सचिव के साथ हंसते-बोलते देखा गया, जिस पर राजद ने आलोचना की...
कूटनीतिक जवाब दें बाईस मार्च के दैनिक ट्रिब्यून में देवेंद्र शर्मा का लेख ‘सब्सिडी कवच लैस अमेरिकी उत्पादों से व्यापार युद्ध’ भारत की दृष्टि से विश्लेषण करता है। डोनाल्ड ट्रंप ने ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति के तहत भारत को दबाव में...
वन सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी इक्कीस मार्च को अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस मनाया जाता है, जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 28 नवंबर, 2012 को वनों की सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए घोषित किया था। वनों और वृक्षों का हमारे जीवन...
इतिहास से सबक उन्नीस मार्च के दैनिक ट्रिब्यून में विश्वनाथ सचदेव का लेख ‘इतिहास के स्याह पक्ष से सबक लेने का वक्त’ औरंगजेब के क्रूर शासन से सीखने की बात करता है। उन्होंने कहा कि औरंगजेब पर राजनीति करने के...
समाज जिम्मेदारी निभाए हम पर्यटन को बढ़ावा देने की बातें कर रहे हैं, लेकिन दूसरी ओर, यौन हिंसा और विदेशी पर्यटकों के साथ धोखाधड़ी की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, और हम इन्हें नियंत्रित करने में नाकाम हैं। हमारा रवैया...
नफरती मंसूबे हाल ही में अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित स्वामीनाथन मंदिर पर हमले के साथ अपवित्रता की घटना भी हुई। इसके अलावा, विदेश मंत्री जयशंकर के काफिले पर ब्रिटेन में हमले और नारेबाजी के साथ उच्चायुक्त भवन से तिरंगा निकालने...
समरसता का पर्व चौदह मार्च के दैनिक ट्रिब्यून में नरेश कौशल ने अपने लेख ‘भारतीय समरसता की सतरंगी संस्कृति का उत्सव’ में भारतीय संस्कृति की गहरी जड़ों, उसकी विविधता और समरसता को बहुत सुंदर रूप में प्रस्तुत किया है। होली...
आत्मनिर्भरता जरूरी राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद ट्रंप ने दुनियाभर के देशों से आयात पर उच्च टैरिफ लगाने की घोषणा करके वैश्विक मुक्त व्यापार प्रणाली पर सीधा हमला बोल दिया है। ट्रंप की नीतियों का सामना करने के लिए...
हेडफोन जागरूकता कानों पर लगातार मोबाइल या ईयरफोन लगाने से श्रवण शक्ति कमजोर हो सकती है, जैसा कि डब्ल्यूएचओ और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुष्टि की है। संपादकीय ‘बच्चों में बहरापन’ में यह उल्लेख किया गया है कि 2050 तक...
अभिव्यक्ति की आजादी दैनिक ट्रिब्यून के आठ मार्च के संपादकीय ‘अभिव्यक्ति का हक’ में अभिव्यक्ति की आजादी पर चर्चा की गई। सत्ता पक्ष द्वारा विपक्षी नेताओं के बयानों पर मुकदमा दर्ज करने की प्रवृत्ति पर सवाल उठाया गया। एक कांग्रेसी...
स्वास्थ्यकर भोजन आठ मार्च के दैनिक ट्रिब्यून में दिनेश सी. शर्मा के लेख में स्वास्थ्यकर भोजन और शारीरिक सक्रियता को बढ़ावा देने की बात की गई है। लेख में प्रधानमंत्री के मासिक कार्यक्रम 'मन की बात' का हवाला देते हुए...
शिक्षा का अर्थ जिस देश की संस्कृति और शिक्षा प्रणाली सशक्त होती है, उसकी गरिमा का काेई ह्रास नहीं कर सकता। शिक्षा का अर्थ केवल एक निश्चित पाठ्यक्रम को विद्यार्थियों तक पहुंचाना नहीं होता, बल्कि नैतिकता का पाठ भी पढ़ाना...
हाइड्रोजन क्रांति से आत्मनिर्भरता भारत ने स्वच्छ ऊर्जा और आत्मनिर्भरता की दिशा में ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है। केंद्रीय मंत्री के अनुसार, पराली से मिथेन और फिर हाइड्रोजन बनाकर वाहनों को संचालित किया जाएगा। यह क्रांतिकारी तकनीक न केवल प्रदूषण कम...
गैर-जरूरी आलोचना खेल तो खेल होता है। उनका मकसद सिर्फ शिद्दत से खेलना और भाईचारे का वातावरण बनाना होता है। यह ही खेल की असली खूबसूरती है। लेकिन, खिलाड़ी अब राजनीति और धर्म के चश्मे से देखे जा रहे हैं।...
अनुचित वकालत जिस औरंगजेब की क्रूरता की खून से सनी हुई कहानियां हिंदुस्तान के कोने-कोने में सुनने और पढ़ने को मिलती हैं, उस औरंगजेब का गुणगान करने वाले सपा नेता अबू आजमी के विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए। उस पर केस...
तर्कसंगत हो नीति हि.प्र. की वर्तमान शराब नीति, जिसमें रिटेलर मनमानी कीमतें वसूलते हैं, राज्य की आय में नुकसान कर रही है। उपभोक्ता उच्च दामों के कारण अन्य राज्यों से शराब खरीदते हैं, जिससे राज्य को कम राजस्व मिलता है।...
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