शिमला, 13 फरवरी (निस)
अरुणाचल प्रदेश में भूस्खलन की घटना में शहीद हुए बिलासपुर जिला की घुमारवीं तहसील के सेऊ गांव के जवान अंकेश भारद्वाज को आज उसके परिजनों ने भावुक विदाई दी। इस दौरान अंकेश भारद्वाज को उसके परिजनों ने चीखो-पुकार के साथ नहीं बल्कि दूल्हे की तरह सजाकर और बैंड बाजे के साथ विदा किया। शहीद को विदाई के दौरान उसके पिता बांचा राम और माता कश्मीरा देवी ने खूब हिम्मत दिखाई। इस दौरान शहीद के पिता बांचा राम ने बाकायदा पैंट, कोट, टाई और पगड़ी लगा रखी थी। हालांकि शहीद की माता कश्मीरा देवी इस दौरान सामान्य रही।
शहीद अंकेश भारद्वाज के पार्थिव देह लम्बे इंतजार के बाद आज सुबह लगभग दस बजे उसके पैतृक गांव सेऊ पहुंची। इस दौरान सैकड़ों की भीड़ भारत माता की जय के नारे लगाते हुए और आर्मी बैंड की धुन के साथ शहीद के घर पहुंची। शहीद के पिता बांचा राम ने अपने जांबाज बेटे के स्वागत के लिए घर को समारोह की तरह सजा रखा था। शहीद के पार्थिव देह पहुंचते ही सेना की टुकड़ी ने पूरे सम्मान के साथ परिवार को शहीद के अंतिम दर्शन करवाए। इसके बाद शहीद के पिता बांचा राम के प्रण के अनुसार शहीद अंकेश भारद्वाज को दुल्हा बनाने की रस्म निभाई गई और उन्हें पैसों व कई तरह के डिजाइन से सजा हुआ हार, वस्त्र और अन्य वस्त्र भेंट की गई। इसके उपरांत शहीद के पार्थिव शरीर को मुक्तिधाम ले जाया गया। मुक्तिधाम पहुंचते-पहुंचते हजारों की भीड़ एकत्र हो चुकी थी जिसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस को खूब मशक्कत करनी पड़ी।
शहीद अंकेश भारद्वाज की अंतिम यात्रा में स्थानीय युवाओं ने 300 फुट लम्बा तिरंगा झंडा मुक्तिधाम तक लगाया और इस दौरान सैकड़ों नम आंखों ने फूल मालाओं से शहीद को अंतिम विदाई दी। इस मौके पर प्रदेश के खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग, बिलासपुर के उपायुक्त पंकज राय, पुलिस अधीक्षक व अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।