शिमला/धर्मशाला , 16 नवंबर (निस)
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज धर्मशाला में राज्य के लिए जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) के आर्थिक सहयोग से 1010.60 करोड़ रुपये की हिमाचल प्रदेश फसल विविधिकरण संवर्धन परियोजना (एचपीसीडीपी) चरण-2 के शुभारंभ समारोह की अध्यक्षता की। जयराम ठाकुर ने कहा कि जाइका सहायता प्राप्त फसल विविधिकरण परियोजना के दूसरे चरण को राज्य के सभी 12 जिलों में लागू किया जाएगा और इससे राज्य के किसान परिवारों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को अधिक बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि परियोजना का पहला चरण 2011 से प्रायोगिक आधार पर राज्य के पांच जिलों मंडी, कांगड़ा, हमीरपुर, बिलासपुर और ऊना में कार्यान्वित किया जा रहा है, जिससे जिलों के किसानों की अर्थव्यवस्था बदल गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य फसल विविधिकरण के एक सफल मॉडल का प्रसार करना और 2031 तक परियोजना क्षेत्र में सब्जी उत्पादन क्षेत्र को 2500 हेक्टेयर से बढ़ाकर 7000 हेक्टेयर करना है। राज्य सरकार प्रदेश के विकास के लिए केंद्र सरकार, बाहरी वित्त पोषण एजेंसियां जैसे जाइका, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक आदि सभी संभावित स्रोतों से संसाधन जुटा रही है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में बेमौसमी सब्जियों की खेती की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए मार्केट यार्ड का एक मजबूत नेटवर्क बनाया है, लेकिन अभी भी राज्य में ऐसी कई मंडियों की आवश्यकता है ताकि किसानों को अपने उत्पादों के विपणन के लिए आसान पहुंच और बेहतर मूल्य मिल सके। जयराम ठाकुर ने कहा कि भारत और जापान दोनों ने खाद्यान्न के थोक उत्पादन के बजाय सतत उत्पादन की प्रणाली विकसित की है। मुख्यमंत्री ने जाइका को आश्वासन दिया कि प्रदेश सरकार, राज्य में परियोजना के दूसरे चरण के सफल कार्यान्वयन के लिए हर तरह की नीति और संसाधन सहायता प्रदान करेगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी का शुभारम्भ भी किया। उन्होंने इस अवसर पर परियोजना के पहले चरण की सफलता की कहानियों के बारे में कुछ प्रकाशनों का भी विमोचन किया। इस अवसर पर जाइका पर आधारित एक वृत्त चित्र भी प्रदर्शित किया गया।
धमकियों से डरने वाले नहीं: मुख्यमंत्री
धर्मशाला (निस) : मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि मंदिरों व रेलवे स्टेशनों को उड़ाने की धमकियों से हिमाचल डरने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि इस तरह की धमकियों के बाद प्रदेश पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियां पूरी तरह से अलर्ट हैं। उन्होंने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है ऐसी धमकियां उन्हें पहले भी कई बार मिलती रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सुरक्षा एजेंसियां काफी सक्रिय हैं और हमें उन की कार्यप्रणाली पर पूरा विश्वास है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यकता हुई तो तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा की सुरक्षा को रिव्यू किया जा सकता है।