शिमला, 22 मार्च (निस)
हिमाचल प्रदेश की राजधानी व पर्यटन नगरी शिमला में अभी गर्मियों की दस्तक भी नहीं हुई है और शहर का अधिकतम तापमान महज 20 डिग्री तक ही पहुंचा है। इसके बावजूद शिमला अभी से पेयजल संकट से दो-चार हो रहा है। हालत यह है कि शहर के सभी इलाकों में अाधिकारिक तौर पर तीसरे दिन पानी की आपूर्ति हो रही है लेकिन शहर के कई इलाकों में पांच से छह दिन बाद ही पानी पहुंच रहा है। ऐसे में शिमला नगर निगम क्षेत्र में मई में होने जा रहे निगम चुनाव से ठीक पहले विपक्षी दलों को नगर निगम में सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलने का मौका मिल गया है। इसी कड़ी में आज शिमला शहरी व ग्रामीण कांग्रेस ने संयुक्त रूप से नगर निगम शिमला कार्यालय के बाहर धरना दिया और महापौर सत्या कौंडल का सांकेतिक घेराव किया। पार्टी ने इस दौरान नगर निगम महापौर को एक ज्ञापन भी सौंपा और शहर में पानी की आपूर्ति तुरंत व्यवस्थित करने की मांग की।
शिमला शहरी कमेटी के अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी ने इस मौके पर नगर निगम और शिमला जल निगम की कार्यप्रणाली पर रोष व्यक्त करते हुए कहा कि एक ओर शिमला जल निगम शहर में 24 घंटे पेयजल आपूर्ति के दावे कर रहा था वहीं दूसरी ओर शहरवासी गर्मियों की दस्तक से पहले ही पेयजल किल्लत से परेशान है। उन्होंने कहा कि शिमला शहर में पेयजल आपूर्ति को व्यवस्थित करने के जल निगम, नगर निगम और प्रदेश सरकार के सभी दावे हवा हवाई साबित हुए हैं।
कांग्रेस नेताओं ने नगर निगम शिमला पर आरोप लगाया कि वह शहर वासियों को नियमित पेयजल आपूर्ति करने में पूरी तरह विफल रहा है। लोगों से भारी भरकम पेयजल बिल बसूलने के बाबजूद भी उन्हें नियमित तौर पर पेयजल नहीं दिया जा रहा है।