सुरेंद्र मेहता/हप्र
यमुनानगर, 9 अक्तूबर
यमुना की धारा को फिर बदलने की कोशिश की जा रही है। माइनिंग कंपनी ने नदी के बीचों-बीच अस्थायी बांध बना दिया है। विभाग ने इस संबंध में माइनिंग कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। पिछले साल इस तरह के 12 मुकदमे दर्ज करवाए गए थे जिनमें में से ज्यादातर में कार्रवाई लंबित है।
एक बार फिर यमुना की प्राकृतिक जलधारा को प्रभावित किया जा रहा है। माइनिंग कंपनियों के कर्मचारी यमुना के बीचों-बीच अपनी सहूलियत के लिए अवैध बांध बना देते हैं। इससे यमुना की जलधारा प्रभावित होती है और उसका खामियाजा आसपास के इलाकों के किसानों को भुगतना पड़ता है। यमुना की जलधारा प्रभावित होने से भूमि कटाव बढ़ता है और किसानों की करोड़ों की फसलें भी यमुना में समा जाती है। पिछले साल यमुनानगर जिला के अलग-अलग इलाकों में माइनिंग कंपनियों ने ऐसे 12 अवैध बांध बनाए थे। जिस पर सिंचाई विभाग ने उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज करवाए थे। जिनमें से ज्यादातर में कार्रवाई लंबित है और कुछ मामले बंद कर दिए गए।
अब यमुना की जलधारा को फिर से प्रभावित किए जाने की सूचनाओं के बाद सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने यमुना के इलाकों का दौरा किया। उन्होंने पाया कि माइनिंग कंपनियों के कर्मचारियों ने फिर से यह प्रयास किया है। इस संबंध में सिंचाई विभाग ने एक मुकदमा दर्ज करवाया है।
सीएम के ट्वीट के बाद हरकत में आया प्रशासन
जगाधरी (अरविंद शर्मा/िनस) : यमुना नदी मित्र मंडली संगठन की ओर से मुख्यमंत्री व उपायुुक्त को ट्वीटर पर कनालसी एरिया में अवैध खनन की शिकायत की थी। जिस पर प्रशासन हरकत में आ गया। जानकारी के अनुसार संगठन के सदस्यों ने शिकायत में अवैध खनन करते वाहनों के फोटो व वीडियो भी अपलोड किए थे। शिकायत में कहा गया था कि कनालसी के रकबे में यमुना नदी में नियमानुसार खनन नहीं हो रहा है। रोक के बाद भी इसमें भारी मशीनें इस्तेमाल हो रही हैं। वहीं उपायुक्त मुकुल कुमार ने बताया कि शिकायत पर टीम को मौके पर भेजा गया है। जांच कराई जा रही है। यमुना नदी मित्र मंडली संगठन के भीम सिंह रावत, मुस्तकीम मल्लाह, संजय कांबोज, किरणपाल राणा, निशांत पंवार ने अपनी शिकायत में कहा था कि अवैध बंध बनाकर रेत से भरे भारी वाहनों को निकाला जा रहा है। जिससे यमुना की धारा प्रभावित हो रही है।