दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 24 जनवरी
हरियाणा सरकार स्कूली शिक्षकों के लिए म्यूचुअल ट्रांसफर की पॉलिसी बनाने पर विचार कर रही है। बेशक, शिक्षकों को इसके लिए एक बार ही मौका मिलेगा, लेकिन बड़ी संख्या में शिक्षकों को मनचाहा जिला मिल सकेगा। वर्तमान में शिक्षकों के ऑनलाइन ट्रांसफर होते हैं और म्यूचुअल ट्रांसफर की अनुमति मौजूदा नीति नहीं देती। इसके बाद भी सरकार शिक्षकों को एक मौका देने का मन रखती है।
प्रदेश के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर के मुताबिक इस संबंध में वे जल्द मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात करेंगे। इससे पहले वे शिक्षा विभाग के आला अफसरों के साथ भी बैठक करेंगे ताकि म्यूचुअल ट्रांसफर के लिए कोई फार्मूला निकाला जा सके। अगर यह योजना सिरे चढ़ती है तो इसका फायदा जेबीटी शिक्षकों को ही नहीं, टीजीटी और पीजीटी शिक्षकों को भी मिलेगा।
हालांकि ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी से 70 प्रतिशत से अधिक टीजीटी (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर) और पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) खुश हैं, लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे जेबीटी शिक्षक हैं, जो अपने गृह जिलों या साथ लगते जिलों में लौटना चाहते हैं। पूर्व की हुड्डा सरकार के समय अगस्त-2014 में हुई जेबीटी भर्ती में चयनित हुए शिक्षकों में से 70 प्रतिशत तक शिक्षक अपने गृह जिलों से दूर हैं। इस भर्ती के नतीजे तो हुड्डा सरकार में ही घोषित हो गए थे, लेकिन इनकी नियुक्ति खट्टर सरकार ने करीब दो वर्षों के बाद की।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में केस लंबित होने की वजह से नियुक्ित बीच में ही लटकी हुई थी, जेबीटी शिक्षक जिला काडर में आते हैं। ऐसे में एक बार जिला अलॉट होने के बाद उनकी दूसरे जिलों में ट्रांसफर नहीं हो पाती। उस समय भी भर्ती के नतीजों के बाद इन शिक्षकों को अस्थ्ााई तौर पर जिले अलॉट किए गए थे। वर्तमान में इन जेबीटी शिक्षकों को नये सिरे से जिलों की अलॉटमेंट होने की कोई संभावना नहीं है। इसी के चलते शिक्षा मंत्री ने म्यूचुअल ट्रांसफर की नीति तैयार करने की योजना बनाई है।
वर्तमान में प्रदेश में जेबीटी के करीब 30 हजार, टीजीटी के 36 हजार तथा पीजीटी शिक्षकों की संख्या 20 हजार के करीब है। जेबीटी को पहली से पांचवीं तक, टीजीटी को छठी से आठवीं तक तथा पीजीटी शिक्षकों को नौंवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को पढ़ाने की जिम्मेदारी है।
टीजीटी और पीजीटी के ऑनलाइन ट्रांसफर एक जिले से दूसरे जिले में हो जाते हैं, लेकिन जेबीटी को एक ही जिले के किसी ब्लॉक के स्कूल में ऑनलाइन ट्रांसफर प्रक्रिया में शामिल होने की इजाजत मिलती है।
दो माह यूनिफार्म से मिल सकती है छूट
प्रदेश सरकार पहली फरवरी से छठी से आठवीं तक के विद्यार्थियों को भी स्कूल में बुलाने का फैसला कर चुकी है। इसके बाद पंद्रह फरवरी से पहली से पांचवीं तक के स्कूल खोलने की योजना है। प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावकों को इस फैसले के बाद सबसे बड़ा डर यह है कि अब उन्हें दो माह के लिए स्कूल की यूनिफार्म खरीदनी होगी। शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने संकेत दिए हैं कि सरकार दो महीने के लिए प्राइवेट स्कूलों के विद्यार्थियों को स्कूल यूनिफार्म से छूट दे सकती है।
“जेबीटी, टीजीटी और पीजीटी शिक्षकों के लिए म्यूचुअल ट्रांसफर के लिए मौका देने की योजना है। इसके लिए व्यापक योजना पर काम चल रहा है। इस बारे में जल्द सीएम से मिलेंगे। मौजूदा नीति इसकी इजाजत नहीं देती, लेकिन कोई फार्मूला निकाला जाएगा। पहली फरवरी से छठी से आठवीं तक की कक्षाएं लगाई जाएंगी। यूनिफार्म में छूट देने पर विचार हो रहा है।”
-कंवरपाल गुर्जर,शिक्षा मंत्री