सुरेंद्र मेहता/हप्र
यमुनानगर, 16 मई
प्रदेश में प्लाईवुड उद्योग को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सोमवार को कई घोषणाएं करते हुए उद्योगपतियों से निर्यात बढ़ाने को कहा। यहां स्वर्ण जयंती हाल में आयोजित ‘प्लाईवुड कॉन्क्लेव’ में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य निर्यात को बढ़ावा देकर विदेशी मुद्रा को बचाना है, इसके लिए प्लाईवुड मार्केट को विश्व में पहचान दिलानी होगी, राज्य आपस में मिलकर काम करेंगे तो एक भारत-श्रेष्ठ भारत बनेगा। प्लाईवुड क्लस्टर के लिए विशेष छूट की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जो उद्योगपति निर्यात करेगा उसकी 2 प्रतिशत मार्केट फीस वापस की जाएगी, 10 साल तक 1.5 प्रतिशत वार्षिक सब्सिडी भी दी जाएगी, जिसकी अधिकतम राशि 10 लाख रुपये तक होगी। इसी तरह, हरियाणा के लोगों को रोजगार देंगे, तो सरकार द्वारा 7 साल तक प्रति वर्ष 48 हजार रुपये प्रति व्यक्ति उद्योगपति को वापस किए जाएंगे। प्लाईवुड का नया उद्योग लगाने पर 10 साल तक 1.5 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। सीएम ने यमुनानगर में 50 करोड़ की लागत से फॉरेस्ट रिसर्च सेंटर बनाने की घोषणा भी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गत वर्ष हरियाणा में प्लाईवुड का 8 हजार करोड़ रुपये का उत्पादन हुआ, पंरतु उसमें से सिर्फ 95 करोड़ रुपये का निर्यात किया गया। उन्होंने कहा कि यमुनानगर उत्तर भारत का सबसे बड़ा प्लाईवुड क्षेत्र है। निर्यात के क्षेत्र में इसे कैसे बढ़ाया जाये, इस पर विचार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारतीय प्लाईवुड सेक्टर में 2026 तक 5.5 प्रतिशत वृद्धि होने की उम्मीद है।
मदद करेगा साझा सुविधा केंद्र प्लाईवुड इकाईयों की सहायता के लिए सरकार की ओर से मध्यम स्तरीय उद्यम क्लस्टर विकास योजना के तहत यमुनानगर में साझा सुविधा केंद्र बनाया जा रहा है। सीएम ने कहा कि यह केंद्र प्लाईवुड निर्माताओं को गुणवत्ता में सुधार, लागत कम करने के तरीके सुझाने में मदद करेगा।
असम ने दिया न्योता
‘प्लाईवुड कॉन्क्लेव’ में असम के उद्योग मंत्री चन्द्रमोहन पटोवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा लगातार आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि हरियाणा के लोग असम में प्लाईवुड उद्योग लगाना चाहते हैं तो वहां सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डीएस ढेसी ने कहा कि हरियाणा ओद्यौगिक क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, यदि उद्योग में कोई दिक्कत आती है तो उसे मिलकर हल किया जाता है। एफसीडी के महानिदेशक अंनत प्रकाश पाण्डेय ने कहा कि निर्यात में संभावना है। इसके लिए प्रमाणित लकड़ी का प्रयोग किया जाए और गुणवत्ता पर ध्यान देना जरूरी है।