करनाल, 28 जून (हप्र)
प्रदेशभर से आये कोरोना कर्मचारियों ने आज सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री आवास से कुछ दूरी पर पुलिस ने बेरीकेट लगाकर कर्मचारियों को आगे बढ़ने से रोक लिया, लेकिन रोषजदा कर्मचारी लगातार नारेबाजी करते रहे। कोरोना कर्मचारी एसोसिएशन से जुड़े कर्मचारी कर्ण पार्क में सुबह से इकट्ठा होना शुरू हो गए थे। दोपहर को सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सीएम आवास की ओर कूच कर गए।
प्रदर्शनकारी कर्मचारियों की अगुआई एसोसिएशन के राज्य प्रधान डा. संदीप सिंधु ने की। उन्होंने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक सभी कोरोना कर्मचारियों की नौकरी बहाल नहीं होगी संघर्ष जारी रखा जाएगा। सरकार की वादाखिलाफी और अधिकारियों के अड़ियल रवैये से कर्मचारी हताश हैं, मगर अपने हकों के लिए लड़ाई लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि बीती 31 मार्च को हरियाणा में स्वास्थ्य विभाग से 1050 कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया था। कोरोना संकटकाल के दौरान इन कर्मचारियों को कोरोना योद्धा की संज्ञा दी गई, लेकिन काम निकलते ही सरकार ने नौकरी छीन ली।
एसोसिएशन ने निर्णय लिया है कि एक जुलाई से पंचकूला में एनएचएम एमडी कार्यालय के सामने धरने की शुरुआत की जाएगी। इस अवसर पर डा. संदीप सिंधु, महासचिव अमित, कोषाध्यक्ष पंकज, ललित, विजय, रिषीपाल, अशोक, सुनीता मलिक, मोनिका, पूनम, मनीषा, सिमरणजीत, चरणजीत, कृष्ण, कुलविंद्र, वीरेंद्र, सन्नी व शिवा ने कर्मचारियों को संबोधित किया।
स्वास्थ्य मंत्री के आदेशों के बावजूद नहीं मिली नौकरी
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि 31 मार्च को कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया था। नौकरी बहाल करवाने के लिए धरने प्रदर्शन किए गए। 23 अप्रैल को कर्मचारियों का प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मिला। 27 अप्रैल को स्वास्थ्य मंत्री ने विभाग को पत्र जारी किया, जिसमें कर्मचारियों को आगामी एक वर्ष के लिए नौकरी पर रखने के आदेश दिए गए। 27 मई को फाइनेंस डिपार्टमेंट की ओर से 24.5 करोड़ का बजट जारी कर दिया गया। एक जून को एमडी एनएचएम की ओर से प्रदेशभर में सिविल सर्जन को संंबंधित पत्र भेज दिए गए। इसके बाद भी कर्मचारियों को नौकरी पर नहीं रखा गया। कुछएक जिलों में शर्तों के आधार पर कुछ कर्मचारियों की नौकरी बहाल हुई है, लेकिन उनको वेतन कब मिलेगा, इसकी कोई जानकारी नहीं है।