अलमाटी, 10 अप्रैल (एजेंसी)भारत की युवा पहलवान अंशू मलिक और सोनम मलिक ने यहां एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर्स में प्रभावशाली प्रदर्शन करते हुए शनिवार को टोक्यो खेलों के लिये क्वालीफाई किया। जूनियर से सीनियर वर्ग में पहुंची 19 वर्षीय अंशू और 18 वर्षीय सोनम से पहले अनुभवी विनेश फोगाट (53 किग्रा) ने ओलंपिक में जगह बनायी थी। कुश्ती में भारत की तीन महिला खिलाड़ी टोक्यो खेलों में अपना दावा पेश करेंगी। विनेश ने 2019 में विश्व चैंपियनशिप से क्वालीफाई किया था। भारत के कुल मिलाकर 7 पहलवान ओलंपिक खेलों के लिये क्वालीफाई कर चुके हैं। पुरुषों में बजरंग पूनिया (65 किग्रा), रवि दहिया (57 किग्रा) और दीपक पूनिया (86 किग्रा) ने फ्रीस्टाइल वर्ग में क्वालीफाई किया है। अंशू ने 57 किग्रा में पूरा दबदबा दिखाया, जबकि सोनम भी 62 किग्रा में पीछे नहीं रही। सोनम ने कोटा हासिल करके रियो ओलंपिक की पदक विजेता साक्षी मलिक के लिये रास्ता भी बंद कर दिया। सोनम ने हाल में ट्रायल्स में साक्षी को हराया था। अंशू के दबदबे का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि उन्होंने फाइनल तक पहुंचने में केवल दो अंक गंवाये। उन्होंने अपने तीनों मुकाबले तकनीकी दक्षता से जीते। उन्होंने कोरिया की जियुन उम को हराकर शुरुआत की तथा फिर कजाखस्तान की इम्मा टिसिना और सेमीफाइनल में शोखिदा अखमेदोवा को हराया।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।