चंडीगढ़, 7 जुलाई (ट्रिन्यू)
हरियाणा में सस्ती आवास योजना के तहत अपने लिए घर का सपना संजो रहे लोगों को अब अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी। अफोर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी में सरकार ने संशोधन कर दिया है। 19 अगस्त, 2013 को यानी पूर्व की हुड्डा सरकार के समय बनाई गई इस पॉलिसी में अब सरकार ने बदलाव किया है। कंस्ट्रक्शन के रेट बढ़ने की वजह से सरकार ने प्रति वर्ग गज के हिसाब से फ्लैट की कीमतों में बढ़ोतरी करने के अधिकार बिल्डरों को दिए हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में शुक्रवार को यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास और विनियमन अधिनियम, 1975 (1975 का अधिनियम संख्या 8) की धारा 9ए के तहत समय-समय पर संशोधित किफायती आवास नीति (एजीएच)-2013 में संशोधन को स्वीकृति दी गई। संशोधन के अनुसार, एजीएच परियोजनाओं के तहत अपार्टमेंट इकाइयों के लिए आवंटन दरों में औसतन 20 प्रतिशत वृद्धि की है।
इस नीति के खंड -5 (।) में हाइपर और हाई पोटेंशियल जोन (गुरुग्राम, फरीदाबाद, पंचकूला, पिंजौर-कालका) के लिए निर्धारित दरों में पिछली बार की तुलना में कारपेट एरिया पर 800 रुपये प्रति वर्ग फुट की वृद्धि की है। यानी अब अधिकतम आवंटन दर प्रति वर्ग फुट कारपेट एरिया के आधार पर 5 हजार रुपये प्रति वर्ग फुट हो गया है, जो पहले 4200 रुपये प्रति वर्ग फुट था।
बालकनी की दरें भी बढ़ीं
संशोधन के बाद, बालकनी की दरों में भी 200 रुपये वर्ग फुट की बढ़ोतरी की गई है, जिससे नयी कीमतें अब 1200 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई हैं, जो पहले 1000 रुपये वर्ग फीट थी। यह दरें उन सभी लाइसेंसों पर लागू की जाएंगी, जिनका आवंटन बाकी है।
अन्य शहरों में ये रेट
नयी परियोजनाओं के लिए कॉलोनाइजरों को बढ़ावा देने के लिए अन्य उच्च और मध्यम क्षमता वाले शहरों के लिए कारपेट एरिया पर 700 रुपये प्रति वर्ग फुट की बढ़ोतरी की गई है। इससे अब अधिकतम आवंटन दर प्रति वर्ग फुट कारपेट एरिया के आधार पर 4500 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गया है, जो पहले 3800 रुपये प्रति वर्ग फुट था। कम क्षमता वाले शहरों के लिए कारपेट एरिया पर 600 रुपये प्रति वर्ग फुट की बढ़ोतरी की गई है, जिससे अब अधिकतम आवंटन दर प्रति वर्ग फुट कारपेट एरिया के आधार पर 3800 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गया है, जो पहले 3200 रुपये प्रति वर्ग फुट था।