गुरुग्राम, 27 जुलाई (हप्र)
भारत के 4 सबसे ज्यादा जहरीले सांपों में से एक साॅ स्केल्ड वाइपर का खतरनाक रेस्क्यू करवाया गया है। यह सांप एक कोयले के गोदाम में छिपा हुआ था। सामान्यतः यह उत्तर भारत के इलाकों में नहीं पाया जाता। इसके दंश से प्रभावित व्यक्ति को 30 मिनट के अंदर इलाज न मिले तो उसकी मौत जाती है।
साॅ स्केल्ड वाइपर राजस्थान के कुछ इलाकों को छोड़कर शेष उत्तर भार के किसी राज्य में नहीं पाया जाता। यह रेतीली भूमि पर रेंगने वाला सबसे खतरनाक सांप है। वाइल्ड लाइफ एंड एन्वायरमेेंट सोसायटी के अनिल गंडास को सूचना मिली थी कि गांव गाड़ौली खुर्द में एक अजीब किस्म का सांप कोयले की बोरियों पर घूम रहा है।
उन्होंने फोनकर्ता से सांप के रंग व आकार-प्रकार के बारे में जानकारी ली तो उससे संभावित खतरे को भांपते हुए सांप पर दूर से कड़ी निगरानी रखने की हिदायत दी। मौके पर पहुंचे अनिल गंडास ने कड़ी मश्क्कत के बाद करीब डेढ़ फुट के इस सांप का रेस्क्यू कर लिया। उन्होंने बताया कि फोनकर्ता ने जब सांप के रंग के बारे में बताया तो उन्हें शक हो गया था कि यह साॅ स्केल्ड वाइपर ही है। बकौल अनिल गंडास, ‘आकार में छोटा दिखने वाला यह सबसे खतरनाक सांप है। इसके दंश के 20 मिनट के अंदर ही शरीर के अंग गलने शुरू हो जाते हैं क्योंकि इसके अंदर हेमोटोक्सिक जहर होता है। इसके अलावा शरीर के खुले अंगों यानि नाक व कान से खून निकलने लगता है।’
उनके अनुसार वह 15 साल से सांपों का रेस्क्यू कर रहे हैं लेकिन यह पहली बार है जब उत्तर भारत में यह सांप दिखाई दिया। गोदाम में कोयला गुजरात तथा दूसरे स्थानों से आता है। संभवतः यह कोयले की बोरियों में घुसकर यहां पहुंच गया। उनके अनुसार सांप को रेतीली व गर्म जगह पसंद है। इसे सुल्तानपुर इलाके में छोड़ दिया गया है।