नरवाना (निस)
आपकी विदाई की इस बेला में, रह जाउंगा अकेला मैं, फिर भी सुख-दु:ख में हूं आपके साथ। यह पंक्तियां बार एसोसिएशन नरवाना के सभागार में जज जेएमआईसी नवीन कुमार ने वकीलों को संबोधित करते हुए कही। बार एसोसिएशन नरवाना के सभागार में जजों की विदाई पार्टी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधान एडवोकेट बलजीत मलिक एवं सचिव सुमित श्योकंद ने की। सचिव सुमित श्योकंद ने जज नवीन कुमार, अक्षय चौधरी एवं जज एसडीजेएम विशाल का नरवाना कोर्ट में अपनी अच्छी सेवाएं देने के लिए तहेदिल से धन्यवाद किया और कहा कि हमें सभी जज साहिबान से बहुत कुछ सीखने को मिला है। उन्होंने जेएमआईसी से एसडीजेएम की प्रमोशन पाले वाले जज अक्षय चौधरी को पुत्र की प्राप्ति होने पर बधाई भी दी। जज अक्षय चौधरी ने कहा कि वकीलों के प्रोफेशन में कोई शार्ट-कट नहीं होता। सीनियर वकीलों ने यहां तक पहुंचने में बहुत कड़ी मेहनत की है। युवा वकीलों को जिम्मेदारी के साथ कार्य करना चाहिए। इस अवसर पर एसडीजेएम जज विशाल ने कहा कि न किसी से ईर्ष्या, न किसी से भौर, मेरी अपनी मंजिलें, मेरी अपनी दौड़। एडवोकेट राजेश मोर ने अपनी कविता इंसाफ की लाईनों-मत रोको चार दीवारी में सुनाकर माहौल को खुशनुमा बना दिया। युवा वकील अंकुश शर्मा ने कुछ पंक्तियां-जिसने पंख दिए है वो उडना भी सिखाएगा, जिसने जिंदगी दी है वो जीना भी सीखाएगा जैसे सुदंर पंक्तिया पेश की। कार्यक्रम के अंत में सभी जजों को स्मृति चिन्ह देकर देकर सम्मानित किया गया। बार एसोसिएशन नरवाना के वरिष्ठ सदस्यों जोगीराम नैन, रणधीर सिंह, तीर्थसिंह मोर, रोहताश नैन ने सभी जजों के उज्जवल भविष्य की कामना की।