नवीन पांचाल/हप्र
गुरुग्राम, 9 अगस्त
भारतीय वायु सेना के पूर्व अधिकारी एससी वैद को आधी रात सोते हुए उठाकर पारस अस्पताल से बाहर निकालने के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने बेशक ही अस्पताल को दोषी मान लिया लेकिन अभी तक अस्पताल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर उन्हें हर रोज दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। अफसरों के रवैये से व्यथित पूर्व अधिकारी ने एयरफोर्स मुख्यालय को पूरे हालातों से अवगत करवा सहायता की गुजारिश की है। रीढ़ से संबंधित बीमारी के इलाज के लिए पूर्व स्वीकृत बजट के साथ 18 मई 2020 को पारस अस्पताल में दाखिल हुए सुभाषचंद वैद को रात करीब 12 बजे कोरोना पाॅजेटिव रिपोर्ट आने पर प्रबंधन ने धक्के देकर अस्पताल से बाहर कर दिया। काफी मिन्नतों के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें अस्पताल में कुछ और घंटे नहीं रहने दिया तो आखिरकार रात दो बजे वह अकेले ही डीएलएफ स्थित अपने घर के लिए रवाना हो गए। अस्पताल की कारगुजारी से व्यथित पूर्व अधिकारी ने इसकी शिकायत सीएमओ कार्यालय में डाॅक्टर अनुज गर्ग से की। आरोप है कि कई बार लिखित शिकायत देने के बावजूद डाॅक्टर गर्ग ने सुनवाई करने की बजाय यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि निजी अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई करना हमारे बूते से बाहर की बात है। स्वास्थ्य अधिकारियों की बेरूखी के कारण उन्हें मंडल आयुक्त अशोक सांगवान के दरबार में गुहार लगानी पड़ी। उनके हस्तक्षेप के बाद इस मामले की जांच भी डाॅक्टर अनुज गर्ग ने की। उन्होंने जांच रिपोर्ट में अस्पताल प्रबंधन पर महामारी एक्ट के उलंघन का आरोप लगाते हुए जांच रिपोर्ट डीसी को सौंप दी।
कोई भी सुनने को तैयार नहीं
71 वर्षीय पीड़ित सुभाष चंद वैद बताते हैं, ‘स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के आधार पर अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग लेकर डीसी के दफ्तर पहुंचे तो वहां मौजूद कर्मचारियों ने पहले सीटीएम फिर एसडीएम के पास भेज दिया। लेकिन दोनों ही अधिकारी सुनवाई करने के लिए तैयार नहीं हुए। काफी प्रयास के बाद डीसी अमित खत्री से मुलाकात हो पाई।’ वह कहते हैं कि डीसी ने स्वास्थ्य अधिकारियों के रवैये की उनसे लिखित शिकायत करने के लिए कहा है लेकिन जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई के बारे में वह भी कुछ नहीं बता सके। वैद बताते हैं, ‘सरकारी अफसरों के रवैये से परेशान होकर मैने पूरे मामले से एयरफोर्स मुख्यालय को अवगत करवाते हुए सहायता की मांग की है।’