नवीन पांचाल/हप्र
गुरुग्राम, 9 जून
मानूसन के दौरान शहर की सड़कों पर बने अंडरपास बारिश के पानी से लबालब होने के कारण विकास माडल के माखौल से इस बार बचने के लिए प्रशासन भरसक प्रयास कर रहा है। इसी क्रम में ऐसी मॉकड्रिल का आयोजन किया गया जिससे 75 हजार लीटर पानी ‘नाले में बहा दिया गया।’
इस अजीब तरह की मॉकड्रिल के दौरान फायर ब्रिगेड दस्ते की सेवाएं ली गई। मॉकड्रिल का आयोजन हीरो होंडा और राजीव चौक अंडरपास में किया गया। हीरो होंडा चौक अंडरपास निर्माण के बाद पहली ही बारिश में पानी से लबालब हो गया था। फायर ब्रिगेड की गाड़ियों से 75 हजार लीटर पानी लाकर इस अंडरपास में भरा गया तथा बाद में नेशनल हाईवे अथोरिटी आफ इंडिया तथा गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) की टीम की निगरानी में उक्त पानी को 20 एचपी के 8 पंप के माध्यम से बादशाहपुर ड्रेन में डाला गया। मॉकड्रिल कार्यक्रम में जीएमडीए की तरफ से जिम्मेदारी संभाल रहे एसडीओ जेपी वर्मा ने बताया कि हीरो होंडा चौक अंडरपास में पानी की निकासी के लिए 3 लाख लीटर क्षमता वाले 4 संप वेल बने हुए है। बारिश के मौसम में अंडरपास में आने वाला पानी इन्ही वेल में जमा हो जाता है। जमा हुए पानी को डीजी सेट से पॉवर सप्लाई देकर 20 एचपी के 8 पंप की सहायता से बादशाहपुर ड्रेन में डाल दिया जाता है।
गंभीरता से कर रहे काम
जीएमडीए के अधीक्षण अभियंता राजेश कुमार बंसल ने बताया कि शहर में किसी प्रकार की जलभराव की समस्या न हो, इसके लिए गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण सभी स्तर पर गंभीरता से कार्य कर रहा है। इसी तरह की मॉकड्रिल दूसरे और अंडरपास में भी करने की बात कही गई है। दूसरी तरफ, इस मॉकड्रिल को गलत वक्त पर की गई गैर जरूरी प्रक्रिया बताते हुए लोगों ने इसका विरोध किया है। पूर्व वन संरक्षक आरपी बलवान का कहना है कि इस प्रक्रिया से पानी नाले में बहाने की बजाय यदि पेड़ पौधों को सींचा जाता तो जला देने वाली गर्मी में यह पौधों के लिए जीवन प्राण साबित होता।