गुरुग्राम, 21 जनवरी (हप्र)
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा 28 साल पहले अधिगृहीत जमीन जालसाजी करके बेचने का मामला सामने आया है। फर्जी तरीके से सरकार को करोड़ों की चपत लगाने के आरोप में पुलिस ने दो वकीलों समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनसे पूछताछ की जा रही है।
गांव इस्लामपुर की 2 एकड़ भूमि 1993 में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) ने अधिगृहीत की थी। इस जमीन को गांव झाड़सा निवासी रोहित ठाकरान व इस्लामपुर निवासी अजय चाैधरी ने फर्जी कागजात तैयार करके एक निजी कंपनी को बेच दिया। आरोपियों ने जमीन मालिक के तौर पर मूर्ति देवी, लक्ष्मी देवी व बाला देवी के नाम पर दूसरी महिलाओं को खड़ा करके कंपनी के नाम उक्त जमीन की रजिस्ट्री भी करवा दी।
खास बात यह है कि दो वकील चमनलाल अरोड़ा व सुभाषचंद अरोड़ा ने बतौर गवाह अन्य महिलाओं की असल मालिक के तौर पर पहचान करते हुए रजिस्ट्री संबंधी दस्तावेजों पर साइन किये। मामला तब सामने आया जब गुप्ता काॅलोनी की रहने वाली असल मालिकों में से एक मूर्ति देवी पुलिस के पास पहुंची। जांच के दौरान करोड़ों की कीमत वाली जमीन की फर्जी रजिस्ट्री की बात सामने आई। इसके बाद पुलिस ने मास्टरमाइंड रोहित ठाकरान, गवाही देने वाले दोनों वकील चमनलाल अरोड़ा व सुभाषचंद अरोड़ा को धर दबोचा। पुलिस प्रवक्ता के अनुसार रोहित ठाकरान लड़ाई-झगड़े, शराब तस्करी के मामलों में लिप्त रहा है और उसका सहयोगी अजय चैधरी वर्ष 2006 में राजस्थान पुलिस के कांस्टेबल को गोली मारकर हत्या करने में शामिल रहा है। पुलिस का दावा है कि इस मामले में शामिल अन्य लोगों को भी शीघ्र ही गिरफ्तार किया जायेगा।