नवीन पांचाल/हप्र
गुरुग्राम, 18 जनवरी
मानेसर में नगर निगम गठन के बाद जरूरी पद सृजित करने की प्रकिया शुरू कर दी गई है। शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय को भेजने के लिए तैयार किए प्रस्ताव में निगम कमिश्नर समेत 1474 पद बनाने की मांग की गई है। निदेशालय की मंजूरी के बाद इन पदों पर औपचारिक भर्ती की जाएगी। प्रस्तावित मैनपावर पर सालाना 55 करोड़ 32 लाख रुपये से अधिक खर्चा होने की संभावना है।
नगर निगम के अस्थाई कार्यालय के लिए जगह का चयन किया जा चुका है। मानेसर निगम कार्यालय आईएमटी चौक पर स्थित पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल की विशाल प्रतिमा वाले जननायक कांप्लेक्स से चलाया जाएगा। फिलहाल यहां एडिशनल व ज्वाइंट कमिश्नर स्तर के अधिकारी बैठेंगे। व्यस्थित तरीके से कार्य शुरू करने के लिए शहरी स्थानीय निदेशालय से आवश्यक स्टाफ मांगा गया है।
निदेशालय ने शुरूआती प्रशासनिक कार्यों के लिए गुरुग्राम नगर निगम कमिश्नर विनय प्रताप सिंह समेत फिलहाल 25 से अधिक अधिकारियों को मानेसर निगम का एडिशनल चार्ज दे रखा है।
निगम दायरे में शामिल क्षेत्रों में विकास कार्य करवाने से लेकर वार्डबंदी आदि की प्रक्रिया पूरी करने के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों की नियुक्ति की जानी है। निदेशालय को भेजे प्रस्ताव में प्रशासनिक कार्यों के लिए एक एडिशनल कमिश्नर, दो ज्वाइंट कमिश्नर, एक डिप्टी म्यूनिसिपल कमिश्नर, एक सचिव व एक कार्यकारी अधिकारी की अवश्यकता बताई गई है। इंजीनियरिंग विंग के लिए एक एसई, छह एक्सईएन, 12 एसडीओ, 24 जेई, होर्टिकल्चर इंस्पेक्टर के साथ-साथ प्लानिंग, स्वास्थ्य, टैक्सेशन ब्रांच, अकाउंट ब्रांच व क्लेरिकल स्टाफ समेत 1474 लोगों की जरूरत बताई गई है। सबसे ज्यादा 875 सफाई कर्मचारियों, 150 सीवरमैन व 35 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की जरूरत बताई गई है। इस पर सालाना 55 करोड़ 32 लाख रुपये से अधिक खर्चा होने की संभावना है।
इसके अलावा वार्डबंदी की प्रक्रिया व सदन निर्वाचित होने के बाद मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के लिए 9 लोगों का अतिरिक्त स्टाफ भी मांगा गया है। इस पर करीब 33 लाख 12 हजार रुपये प्रतिवर्ष का खर्चा होने की संभावना जताई गई है। खास बात यह है कि स्टाफ से संबंधित खर्चा सरकार को वहन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। निदेशालय को भेजे प्रस्ताव में कहा गया है कि उक्त स्टाफ का खर्च निगम अपने स्तर पर उठा सकता है।