रोजी गुलाटी
हार्ट अटैक मेडिकल एमरजेंसी है जो कई बार जानलेवा हो सकती है। यह बीमारी हर साल बड़ी संख्या में लोगों को शिकार बनाती है। बेहतर है संतुलित भोजन व्यायाम व योग आदि दिनचर्या में शामिल कर उन बीमारियों को पनपने ही न दें जो इसके मूल में हैं। फिर भी लक्षण दिखें तो मरीज तुरंत अस्पताल जायें।
कुछ लोगों को सीने में दर्द होता है? जबकि कुछ लोगों को अधिक गंभीर दर्द होता है। हालांकि कुछ लोगों के सीने में दर्द का दबाव बिल्कुल भी नहीं होता। ये लक्षण हलके दर्द और बेचैनी के साथ धीरे-धीरे शुरू हो सकते हैं। जब आप आराम कर रहे हों या सक्रिय रहते भी महसूस हो सकते हैं। जैसे एक या दोनों हाथों में, या आपकी पीठ, गर्दन, पेट, दांत और जबड़े में इनकी शुरुआत हो सकती है। इसके अलावा ठंडा पसीना, मितली या उलटी, चक्कर, चिंता, अपच, थकान जैसे लक्षण भी महसूस हो सकते हैं। हार्ट अटैक में महिलाओं में गर्दन, कंधे, पीठ के ऊपरी हिस्से या पेट में दर्द हो सकता है। कुछ लोगों को अचानक दिल का दौरा पड़ता है। लोग अकसर छाती में होने वाले असर को जकड़न या बेचैनी बताते हैं।
हार्ट अटैक है क्या
जब शरीर की नसों में खून का प्रवाह अच्छी तरह से नहीं हो पाता तो खून जमने की समस्या या क्लॉटिंग होना शुरू हो जाती है। इस वजह से खून हृदय तक पहुंचने में असमर्थ होता है। हृदय को आक्सीजन मिलनी बंद हो जाती है। यही स्थिति हार्ट अटैक की होती है। हार्ट अटैक को मायोकार्डियल इनफ्रक्शन भी कहते हैं। हार्ट अटैक की स्थिति जानलेवा हो सकती है, लेकिन तुरंत उपचार से व्यक्ति को बचाया जा सकता है।
सामान्य लक्षण
जब हार्ट अटैक आता है तो कोल्ड स्वैट यानी शरीर से पसीना आता है लेकिन साथ-साथ ठंड भी लगती है। सांस लेने में परेशानी व थकान भी महसूस हो सकती है। हृदयाघात में व्यक्ति को अपने शरीर का भार कम महसूस होता है। चक्कर भी आते हैं। शुरुआत में बाएं हाथ में दर्द होता है। उलटी लगने जैसी हालत महसूस होती है। अपच भी हो सकती है। सीने में तेज दर्द और जलन होती है।
अटैक की वजहें
हमारे शरीर में तकरीबन हरेक बड़ी बीमारी के मूल में छोटे-छोटे एक या अधिक शारीरिक व मानसिक रोग-विकार हो सकते हैं। हृदयाघात की वजहों में से एक व्यक्ति की मानसिक स्थिति भी है। वहीं हार्ट अटैक के अहम कारणों में तम्बाकू सेवन या धूम्रपान भी शामिल है। मोटापे की भी दिल का दौरा पड़ने में बड़ी भूमिका है। मेटाबोलिक सिंड्रोम भी हार्ट अटैक के कारणों में से एक है। उच्च रक्तचाप से ,खासकर लगातार लंबे समय तक, पीड़ित रहना भी हार्ट अटैक को आमंत्रित करता है। हृदयाघात का एक कारण अधिक उम्र भी है। 45 से लेकर विशेषकर 55 साल से अधिक के लोगों में इस बीमारी की आशंका ज्यादा रहती है। पारिवारिक इतिहास , किसी दवाई का सेवन और नशे की लत भी इस फेहरिस्त में हैं।
तत्काल दें फर्स्ट एड
हृदयाघात की स्थिति व लक्षण महसूस होने पर तुरंत अस्पताल जाने की तैयारी करें लेकिन सबसे पहले डिस्प्रिन, एस्प्रिन या इकोस्प्रिन की गोली लें। डिस्प्रिन की दो गोलियों को पानी में घोलकर पियें। डिस्प्रिन खून को पतला करती है। यह आर्टरी ब्लॉकेज को सुधार सकती है। अगर नाइट्रोग्लिसरिन या सारबिट्रेट है तो मरीज की जीभ के नीचे रखी जा सकती है।
ये उपाय भी मददगार
दिल के दौरे की दशा में पैरों को थोड़ी ऊंचाई पर रखें। जमीन पर सीधे लेट जाएं ताकि इससे पैरों के ब्लड की सप्लाई हार्ट तक हो सके और बीपी कंट्रोल हो जाए। मरीज़ बेहोशी की हालत में हो तो लाल मिर्च का जूस बनाकर उसकी कुछ बूंदें मरीज़ की जीभ के नीचे डाल देने से हालत में जल्द सुधार आता है। अगर मरीज होश में है तो लाल मिर्च पानी में घोलकर एक-दो चम्मच पिला दीजिए। इन उपायों से मरीज का अस्पताल ले जाने से पहले इलाज कर सकते हैं व मरीज़ को बचाया जा सकता है।