आप ने अपने घर का लेआउट कब से नहीं बदला है। इस सवाल का किसी के पास जवाब होगा और किसी के पास नहीं। लेकिन सच यह है कि हम लोग लेआउट बदलने में बहुत आलस करते हैं। उसका कारण है एक तो फर्नीचर इधर से उधर खिसकाने में दिक्कत, दूसरा फिर कंफर्ट जोन में रहने की आदत। ऐसे में जानकार कहते हैं कि बेशक लेआउट बदलने में थोड़ी मशक्कत करनी पड़ती है, लेकिन उसके बाद जो सुकून मिलता है, उसकी कोई सानी नहीं। अगर ज्यादा बदलाव करने में दिक्कत हो तो आप महीने-दो महीने में बेड और सोफा का ही स्थान बदलकर देखिए, अलग लुक लगेगा। इसके अलावा यदि आंगन है और उसमें गमले रखे हैं तो उनका भी स्थान आप बदल सकते हैं। ऐसे ही स्टडी रूम के लेआउट को भी बदलते रहने की आदत डालनी चाहिए। इसके लिए आप बुक शेल्फ को एक जगह से दूसरी जगह रख सकते हैं। यदि कंप्यूटर टेबल है तो उसका स्थान बदल सकते हैं, साथ ही रूम के परदों को भी बदल सकते हैं। कोशिश करें कि आपके पढ़ने के स्थान पर प्राकृतिक रोशनी आती रहे। दिन में आपको बल्ब या ट्यूबलाइट जलाने की जरूरत नहीं पड़े। सजावटी फूल भी आप अपने कमरे में रख सकते हैं। अगर दीवारों पर पेंटिंग्स लटकी हैं तो उन्हें भी एक दीवार से दूसरी दीवार पर समय-समय पर करते रहेंगे तो लुक अलग लगेगा। तो नयापन लाने के लिए आप अपने घर का लेआउट बदलते रहिए। त्योहारों पर तो हम सब घर में साफ-सफाई के अलावा अन्य बदलाव भी करते हैं, लेकिन घर में उत्सव सरीखा माहौल बनाए रखने के लिए लेआउट बदलते रहना चाहिए।
-फीडे