पुष्परंजन
नेपाल के ताज़ा राजनीतिक विवाद में प्रधानमंत्री मोदी की ज़बरदस्ती एंट्री कराई जा रही है। यह सब करने वाले कोई और नहीं, उप-प्रधानमंत्री-सह-गृहमंत्री पद से बेदखल हो चुके रवि लामिछाने हैं। लामिछाने ने कहा, ‘मोदी जी, आपके नाम पर लोग यहां पर लूट मचा रहे हैं, वे भारत और नेपाल के रिश्zwj;ते को आगे नहीं बढ़ा रहे हैं। कृपया मोदी जी आप आपके एजेंट के नाम पर जो लोग यहां काम कर रहे हैं, उनके ऊपर भरोसा करना बंद करिए। आप एक सीधी बातचीत के लिए आगे बढ़ें। कृपया उन लोगों को रोकें, जो भारतीय रुख का असली जानकार होने का दावा करते हैं। यदि आप वास्zwj;तव में नेपाल और भारत के बीच बेहतर रिश्ते चाहते हैं, तो किसी मध्zwj;यस्zwj;थ, पत्रकार, एजेंट या पब्लिशर को तैनात मत करिए।’
27 जनवरी, 2023 को रवि लामिछाने कोर्ट के आदेश के बाद पद से हटाये गये, या स्वयं प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल को इस्तीफा सौंप आये, इससे नई दिल्ली का कोई लेना-देना नहीं रहा है। रवि लामिछाने नेपाल के मेनस्ट्रीम मीडिया पर भड़के हुए हैं। दोहरी नागरिकता पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च अदालत ने फैसला दिया कि वो न तो सरकार में मंत्री के क़ाबिल हैं, न ही पार्टी में कोई पद उन्हें मिलना चाहिए। वो पहले नेपाली नागरिकता लें, फ़िर राजनीतिक पदों को हासिल करें।
पद त्याग देने की घटना के दो दिन बाद, रवि लामिछाने काठमांडो स्थित ज़िला प्रशासन कार्यालय गये, वहां से नागरिकता प्रमाण पत्र हासिल किया, उसके प्रकारांतर राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (रास्वपा) के दोबारा से अध्यक्ष बन गये। तब से लगातार कोशिश होती रही कि प्रचंड उन्हें उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री की कुर्सी दोबारा से दे दें। जब इसकी सूरत नज़र नहीं आ रही थी, तो रास्वपा के तीन मंत्रियों ने पद से इस्तीफा दे दिया। इनमें शिशिर खनाल शिक्षा-विज्ञान और प्रौद्योगिकी महकमें से, डोल प्रसाद आर्याल श्रम, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा मंत्री पद से, स्वास्थ्य और जनसंख्या राज्यमंत्री पद से डॉ. तोशिमा कार्की ने अपना त्यागपत्र प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल को सौंप दिया। सरकार को समर्थन देंगे, लेकिन मंत्री पद लामिछाने की वापसी के बिना नहीं।
लामिछाने ने फरवरी, 1994 में जिला प्रशासन कार्यालय, काठमांडो से वंशागत नागरिकता प्राप्त की थी। 2007 से 2017 तक अमेरिकी नागरिक होने का लाभ उठाया। मगर, नागरिकता अधिनियम की धारा 10 कहती है कि कोई भी नेपाली नागरिक जो स्वेच्छा से किसी विदेशी देश की नागरिकता प्राप्त करता है, वह स्वतः ही नेपाल की नागरिकता खो देगा। यदि कोई अपनी विदेशी नागरिकता का त्याग करता है तो नेपाली नागरिकता पुनः प्राप्त करने के लिए उसे आवेदन करना होगा। रवि लामिछाने नेपाल में राजा समर्थक राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के महासचिव रह चुके उद्धव पौडेल के दामाद भी हैं। नेपाल फ़िल्म डेवलपमेंट बोर्ड का चेयरपर्सन रह चुकीं निकिता पौडेल से रवि लामिछाने ने 17 मई, 2019 को प्रेम विवाह किया था। शादी के समय अदालत में जो नागरिकता पत्र प्रस्तुत हुआ, वो भी जांच का विषय है।
5 फरवरी, 2023 को एक प्रेस काॅन्फ्रेंस में रवि लामिछाने ने बयान दिया कि नेपाल का मीडिया ग़ैर ज़िम्मेदार है, कुछ मीडिया हाउस और संपादकों के निशाने पर मैं था, इसलिए यह सब हुआ है। रवि लामिछाने का यह बयान तूल पकड़ चुका है। फेडरेशन ऑफ नेपाल जर्नलिस्ट (एफएनजे) और नेपाल प्रेस यूनियन ने रवि लामिछाने के बड़बोलेपन को मुद्दा बना लिया है। इन संगठनों ने कहा कि यह पत्रकार बिरादरी पर हमला है, नेपाली मीडिया निष्पक्षता के मामले में पूरे दक्षिण एशिया में दूसरे स्थान पर है, ऐसा रिपोटर्स विदाउट बॉर्डर भी मानता है।
14 सितंबर, 1974 को भक्तपुर में जन्मे रवि लामिछाने ने रत्न राज कैंपस से हाईस्कूल तक पढ़ाई की, फिर अमेरिका के बाल्टीमोर से मास कॉम की पढ़ाई की। वहां सब-वे में नौकरी भी की। एक अमेरिकी नागरिक ईशा से विवाह किया। बताते हैं कि दोनों से एक बेटी भी हुई थी। ईशा से तलाक लेकर 2014 में रवि लामिछाने अमेरिका से काठमांडो आ गये, और टीवी जर्नलिस्ट बन गये। पत्रकार रवि लामिछाने का टीवी शो, सीधा कुरा (सीधी बातचीत) नेपाल में हिट था। उससे पहले एक और टीवी शो होस्ट करते थे, ‘बुद्धा वाज़ बॉर्न इन नेपाल।’ रवि लामिछाने ने कुछ स्टिंग आपरेशन भी किये थे।
टीवी टॉक शो में रवि लामिछाने की मसीहाई छवि ऐसी बनी कि नेपाल के आम आदमी को लगा कि यह बाक़ी शख्सियतों से अलग हैं, देश और समाज को बदल देगा। लामिछाने ने 16 जून, 2022 को ‘ग्लैक्सी-4के टीवी’ को अलविदा कहा, और 21 जून को राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (रास्वपा) बनाने की घोषणा कर दी। तब विश्लेषकों का आकलन था कि रवि लामिछाने की टीम, नेपाल में सबका सूपड़ा साफ कर देगी। मगर, 20 नवंबर, 2022 के आम चुनाव में ‘रास्वपा’ के कुल 20 नेता सफल हो पाये। जिनमें सात निर्वाचित और 13 समानुपातिक प्रतिनिधित्व के ज़रिये सांसद बने।
निर्वाचितों में चितवन-2 से जीत हासिल कर चुके रवि लामिछाने भी थे। रवि लामिछाने की जि़द थी, गठबंधन की सरकार में तभी आयेंगे, जब गृहमंत्री-सह-उपप्रधानमंत्री का पद मिलेगा। सौदेबाज़ी में उनकी शर्तें मान ली गईं। 11 जनवरी, 2023 को लामिछाने को उपप्रधानमंत्री का पद, और मनचाहा मंत्रालय मिला। इस अति महत्वाकांक्षा की वजह से लामिछाने आलोचना के केंद्र में आ गये। जो लोग रवि लामिछाने में क्रांतिकारी बदलाव वाले नेता का अक्स देखते थे, उनका मोहभंग भी जल्द हो गया।
पत्रकार अपनी प्रसिद्धि के साथ दुश्मन भी पैदा करता है। रवि लामिछाने का नागरिकता वाला विवाद नया नहीं है। 2018 में सबसे पहले प्रेस कौंसिल में शिकायत गई कि लामिछाने बिना वर्क परमिट के नेपाल में कार्यरत है, क्योंकि वह अब भी अमेरिकी नागरिक है। अंततः रवि लामिछाने ने 2018 में अमेरिकी नागरिकता का परित्याग कर दिया। लामिछाने ने नवंबर, 2022 के आम चुनाव के समय 1994 में प्राप्त नेपाली नागरिकता के जो कागजात निर्वाचन आयोग को दिये थे, वो क़ानूनी रूप से अवैध ही थे। यानी, फ्रॉड किया था। सही से छानबीन हो, तो इस मामले में नेपाल निर्वाचन आयोग भी फंसेगा।
एक सच यह भी है कि रवि लामिछाने को गृह मंत्रालय देकर प्रचंड सहज नहीं थे। वित्त मंत्रालय एमाले के हिस्से, कोई दमदार मंत्रालय नहीं प्रचंड की पार्टी के पास। प्रचंड दोबारा से गृहमंत्रालय 19 सांसदों वाली राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के नेता को क्यों दें भला? 10 जनवरी, 2023 को 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में जो विश्वासमत हुआ था, उसमें प्रचंड को 268 वोट मिले थे। विश्वासमत जीतने के वास्ते ज़रूरत थी 138 मतों की। 268 में 19 कम हो भी जाते हैं, तो क्या फ़र्क़ पड़ता है?
लेखक ईयू-एशिया न्यूज़ के नयी दिल्ली संपादक हैं।