जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 26 अप्रैल
कांग्रेस द्वारा सोनीपत संसदीय सीट से उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद जींद जिला में सियासी हलचल बढ़ गई हैं। ऐसा इसलिए भी क्योंकि 20 वर्षों के बाद किसी बड़े राजनीतिक दल ने जींद जिला के नेता को सोनीपत संसदीय सीट से टिकट दिया है। कांग्रेस पहली ऐसी राष्ट्रीय पार्टी है, जिसने ये दांव खेला है। हालांकि क्षेत्रीय दल के रूप में 2004 में इंडियन नेशनल लोकदल ने हरियाणा के डीजीपी रहे महेंद्र सिंह मलिक की पत्नी कृष्णा मलिक को सोनीपत से चुनाव लड़वा चुका है।
सोनीपत संसदीय क्षेत्र में महज एक-तिहाई भागीदारी वाले जींद जिले पर कांग्रेस ने बड़ा दांव जींद जिले के सफीदों के सतपाल ब्रह्मचारी को प्रत्याशी बनाकर लगाया है। सोनीपत संसदीय क्षेत्र के 9 विधानसभा क्षेत्रों में से 3 विधानसभा क्षेत्र जींद, सफीदों और जुलाना विधानसभा क्षेत्र जींद जिले के हैं। इस संसदीय क्षेत्र में सोनीपत जिले के गोहाना, बरोदा, खरखोदा, सोनीपत, गन्नौर, राई विधानसभा क्षेत्र आते हैं। 2009 के परिसीमन से पहले जींद जिले के सफीदों और जुलाना दो ही विधानसभा क्षेत्र सोनीपत संसदीय क्षेत्र के तहत आते थे।
जब 2009 में नए परिसीमन के तहत संसदीय चुनाव हुए, तब जींद जिले की जींद विधानसभा सीट को भी सोनीपत संसदीय क्षेत्र में शामिल कर दिया गया। कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल ब्रह्मचारी का पुराना गांव बराह कलां जुलाना हलके में है। वहीं उनका वर्तमान गांव गांगोली जींद जिले के सफीदों हलके में है। उन पर भरोसा जताकर कांग्रेस और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने तीन विधानसभा क्षेत्रों वाले जींद जिले को साधने का प्रयास किया है।
2019 में भूपेंद्र हुड्डा ने जब सोनीपत से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ा था, तब उन्हें जींद जिले की इन तीनों विधानसभा सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने अब जींद जिले के सतपाल ब्रह्मचारी को प्रत्याशी बनाकर जींद जिले के इन तीन विधानसभा क्षेत्रों के मतदाताओं को यह संदेश दिया है कि जींद वालों के पास सोनीपत से अपना सांसद बनने का बढ़िया मौका है। सोनीपत जिले के 6 विधानसभा क्षेत्रों में हुड्डा का प्रभाव माना जाता है। सोनीपत के 6 विधानसभा क्षेत्रों में ब्रह्मचारी को मजबूत करने का पूरा दारोमदार एक तरह से हुड्डा खेमे पर ही रहेगा। वहीं जींद के तीन हलकों में भी हुड्डा के प्रभाव के अलावा सफीदों विधायक सुभाष गांगोली तथा जुलाना व जींद शहर में कांग्रेस टिकट के दावेदारों और अन्य वरिष्ठ नेताओं को काम करना होगा। ऐसा भी कहा जा सकता है कि इन हलकों से ब्रह्मचारी को मिलने वाले समर्थक के हिसाब से हुड्डा आगामी विधानसभा चुनावों में प्रत्याशियों का चयन करेंगे।
नहीं चल पाया था चौटाला का दांव
इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने 2004 में मुख्यमंत्री होते हुए सोनीपत संसदीय सीट पर बड़ा दांव खेला था। उन्होंने जींद जिला के जुलाना हलके के शामलो कलां गांव की बहू और सोनीपत के बिचपड़ी गांव की बेटी कृष्णा मलिक को टिकट दिया था। इन चुनावों में भाजपा के किशन सिंह सांगवान ने 2 लाख 33 हजार 477 वोट लेकर जीत हासिल की थी। 2 लाख 25 हजार 908 मतों के साथ कांग्रेस के धर्मपाल सिंह मलिक दूसरे नंबर पर रहे। वहीं तीसरे नंबर पर रहीं कृष्णा मलिक को 1 लाख 98 हजार 866 वोट मिले थे।