आलोक पुराणिक
छह महीनों में सोने के भावों में करीब 30 फीसदी का इजाफा हो गया है। सोने के रेट ज्यादा बढ़ रहे हैं या कोरोना अस्पतालों की वसूली, यह सवाल पेचीदा है। सोना बेचकर कोरोना अस्पतालों वालों को भुगतान दिया जा रहा है कई मामलों में।
वक्त ऐसा है कि बंदा या तो सोने के कारोबार में हो या कोरोना अस्पताल का मालिक हो, बाकी तो सब परेशान हैं। सोने के भाव क्यों बढ़ रहे हैं। लोग सोना खरीद रहे हैं, कोरोना के डर में भी। कोरोना से डर रहे हैं और सोना खरीद रहे हैं।
एक अखबार में पांच इश्तिहार देखे-उसमें दुर्बलता दूर करने वाले और ताकतवर बनाने वाले पांच डाक्टरों के बारे में बताया गया था, पांचों के पांचों गोल्ड मेडलिस्ट बता रहे थे खुद को। इतने गोल्ड मेडल आते कहां से हैं कि ताकत का हर डाक्टर एक एक गोल्ड मेडल लिये टहल रहा है। गोल्ड मेडलों का कारोबार विकट है। पता नहीं कौन देता है और क्यों देता है। गोल्ड मेडल ओलंपिक में एकाध ला पाते हैं पर गोल्ड मेडलिस्ट डाक्टर एक मोहल्ले में पांच मिल सकते हैं। मैं एक गोल्ड मेडलिस्ट डाक्टर से पूछने गया कि भाई यह गोल्ड मेडल विश्वविद्यालय से मिला है या आपस में ही एक-दूसरे को आप लोग देते रहते हो। वो उखड़ गया और बोला आपको ज्योतिषी, तांत्रिक नहीं दिखते, वो भी गोल्ड मेडलिस्ट होते हैं।
तांत्रिक भी गोल्ड मेडलिस्ट हैं और डाक्टर भी गोल्ड मेडलिस्ट हैं, तो क्या माना जाये कि कई डाक्टरों ने अपना लेवल तांत्रिकों वाला कर लिया है। यह बात सुनकर गोल्ड मेडलिस्ट डाक्टर और गुस्सा हो गया और बोला—भप्पी लाहिरी संगीतकार कितना सोना पहनते हैं, उन्हें भी गोल्ड मेडलिस्ट ही मानिये। गोल्ड मेडल को बतौर उपलब्धि डाक्टर और तांत्रिक ही पेश करते हैं। कभी-कभी लगता है कि तांत्रिक और ताकत वाले डाक्टर एक-दूसरे को ही गोल्ड मेडल देते रहते हैं। गोल्ड मेडल बिखरे पड़े हैं तंत्र और ताकत के इलाके में। देश को जरूरत कोरोना के इलाज की है और इश्तिहार ताकत की सप्लाई करने वाले डाक्टरों के आ रहे हैं। मांग कोरोना के इलाज की होनी चाहिए, पर मांग ताकत के डाक्टरों की हो रही है।
कोरोना के दौर में जब बंदे डरे हुए हैं, तब गोल्ड मेडलिस्ट डाक्टरों और गोल्ड मेडलिस्ट तांत्रिकों की घणी चांदी हो गयी है। चांदी का भी अपना जलवा है। गोल्ड मेडलिस्ट जब बहुत कमा लेता है तो कहता है कि अब तो चांदी हो गयी है। सोना चांदी-इन्हीं की वेल्यू बची है। कोई चांदी कूट रहा है और कोई सोना बेच रहा है। कोरोना का इलाज कराने के लिए सोना बेचना पड़ सकता है।
सोने को रिजर्व बैंक में बतौर रिजर्व भी रखा जाता है, यह बात तो जोर शोर से बतायी जाती है। पर किसी ने य़ह शोध न किया अगर देश के सारे गोल्ड मेडलिस्ट डाक्टरों और गोल्ड मेडलिस्ट तांत्रिकों का सोना मिला दिया जाये, तो शायद रिजर्व बैंक के सोने के रिजर्व से ज्यादा बड़ा रिजर्व बन जायेगा।