जोगिंद्र सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 17 फरवरी
बार कौंसिल आॅफ इंडिया ने पंजाब विश्वविद्यालय के कुलपति को एक पत्र लिखकर पूछा है कि पीयू का लॉ विभाग करीब दो साल से नहीं खुला है जबकि आसपास के सभी विश्वविद्यालय और विभाग खुल गये हैं। बार कौंसिल के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने लिखा है कि उन्हें कई जगहों से पता चला है कि 15 मार्च 2020 से पीयू का लॉ विभाग में कक्षाएं आॅफलाइन नहीं लग रही। उन्होंने जानना चाहा है कि पीयू का लॉ विभाग और यूनिवर्सिटी इंस्टीच्यूट आॅफ लीगल स्टडीज (यूआईएलएस) पीयू कैंपस और लुधियाना में लीगल एजुकेशन पाठ्यक्रम के संबंध में क्या सोच रहे हैं।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि अगर आपके क्षेत्र के संबंधित आपदा प्रबंधन विभाग को फिजिकली कैंपस खोलने में कोई आपत्ति नहीं है तो कक्षाएं तुरंत बहाल की जायें। सब कुछ सामान्य करने के लिये बिना देरी किये प्रयास किये जाने चाहिए। पीयू कै कैंपस के कई छात्र संगठन एसएफएस, एएसए, पीएसयू ललकार, एबीवीपी सहित कई संगठन कैंपस खोलने की मांग कर चुके हैं। लेकिन पीयू में फिलहाल आॅनलाइन एग्जाम चल रहे हैं।
पीयू में सब कुछ कछुआ चाल
पीयू प्रशासन को आॅनलाइन व्यवस्था काफी रास आ रही है। सब कुछ कछुआ चाल चल रहा है। एक तो स्टूडेंट्स की तरफ से कोई ज्यादा परेशानी नहीं है, दूसरा कर्मचारी और फैकल्टी की तरफ से भी ज्यादा ‘डिमांड’ नहीं आती।
शिक्षण और शोध कार्य बुरी तरह प्रभावित
2 साल से कैंपस में कक्षाएं नहीं लग रही, जिससे शिक्षण कार्य और शोध कार्य बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। सबसे बढ़कर बात ये है कि दो साल के भीतर जिन छात्रों ने डिग्रियां पूरी की हैं, उन्हें लैब/क्लासरूम का अनुभव पर्याप्त न होने से काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। रोजगार हासिल करने और अपना हुनर निखारने में भी ऐसे छात्रों को काफी परेशानी आड़े आ रही है।