जोगिंद्र सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 21 दिसंबर
आखिरकार दो माह के लंबे इंतजार के बाद पंजाब विश्वविद्यालय के चांसलर एवं देश के उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू की ओर से नयी सीनेट के लिये चुनकर आये 49 में से 35 सीनेटरों के नामों को अधिसूचित कर दिया गया है जबकि 14 नाम फिलहाल रोक लिए गए हैं। पीयू के इतिहास में पहली बार चांसलर की ओर से आधी-अधूरी लिस्ट नोटिफाई की गयी है। चांसलर के इस कदम से सीनेट की मीटिंग तो निकट भविष्य में बुलायी जा सकती है मगर सिंडीकेट चुनाव को लेकर संकट खड़ा हो गया है क्योंकि विरोधी ग्रुप ने कोर्ट जाने की धमकी दी है। प्रो. नवदीप गोयल ने कहा कि पहले वे देखेंगे कि किस आधार पर उनके नाम रोके गये। कारण बताये जाने के बाद ही कोर्ट जाने बारे कोई निर्णय लेंगे। उन्होंने इतना अवश्य कहा कि अगर कोर्ट गये तो इस बार चांसलर पार्टी बनेंगे।
बताया जाता है कि फैकल्टी की 6 सीटों पर हुए चुनाव को लेकर हारे हुए उम्मीदवारों अंजू सूरी, गुरपाल संधू और प्रियतोष ने चांसलर को एक प्रतिवेदन भेजा था जिस पर उन्होंने पीयू से राय मांगी थी। पीयू ने कानूनी राय लेकर अपना जवाब चांसलर को भेज दिया। मजे की बात यह है कि फैकल्टी के चुनाव पीयू ने ही कराये और खुद पहली बार कुलपति ने अपना वोट डाला और अब उसे ही अधिसूचित करने से रुकवा दिया। फैकल्टी के नाम अधिसूचित होने से रोके जाने के पीछे फेलो अशोक गोयल द्वारा कुलपति के खिलाफ की गयी कथित अभद्र बयानबाजी को भी माना जा रहा है। पूर्व कुलपति प्रो. अरुण ग्रोवर और प्रो. विजय चोपड़ा ने इसकी शिकायत चांसलर को की थी। एक सीनेटर ने तो यहां तक कहा कि जो अब टीचर ही नहीं वह कैसे टीचर्स का प्रतिनिधि बनकर सीनेट में रह सकता है। उनका इशारा प्रो. राजेश गिल की ओर था, जो अब रिटायर हो चुकी हैं। कुछ रिटायर हो चुके टीचर्स के वोट को लेकर कुछ उम्मीदवारों ने एतराज जताया था, हालांकि नामांकन के वक्त सब सही था लेकिन कोविड महामारी के चलते देरी से मतदान के कारण एेसी स्थिति आन खड़ी हुई।
आर्ट्स कालेजों के सहायक प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर की 8 सीटों की अधिसूचना को भी चासंलर ने रोक लिया है। इसमें जीते कालेज टीचर तरुण घई को कालेज ने बर्खास्त कर दिया है, इसलिये उसकी वैधता को भी हारने वाले उम्मीदवारों ने चुनौती दी थी। इस पर भी कानूनी राय चांसलर को भेजी गयी थी जिसके परिणामस्वरूप इस सूची को भी रोक लिया गया। चांसलर ने इस पर कुलपति को खुद फैसला लेने को कहा था। रजिस्ट्रार विक्रम नैयर ने बताया कि अगर तरुण घई का चुनाव रद्द हुआ तो पूरी कांस्टीचुएंसी के चुनाव दोबारा होंगे लेकिन अभी केस विचाराधीन है, इसलिये अंतिम तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता।
नोटिफिकेशन सूची में ये नाम शामिल
चांसलर की ओर से जारी सूची में ग्रेजुएट से बीसी जोसन, डीपीएस रंधावा, जगवंत सिंह, कपिल शर्मा, लाजवंत सिंह विर्क, मनीष नैयर, मुकेश अरोड़ा, नरेश गौड़, प्रभजीत सिंह, रविंद्र सिंह, संदीप सिंह, सिमरनजीत सिंह ढिल्लों और वरिंदर सिंह विक्की के नाम शामिल हैं। प्रोफेसरों में रजत संधीर और जतिंदर ग्रोवर, दिनेश कुमार, प्रवीण गोयल, सविता कांसल, संदीप कटारिया, नीतू ओहरी, नीरू मलिक, गुरमीत सिंह, सुरेश कुमार, एनआर शर्मा, कुलदीप कौर धालीवाल, किरणदीप कौर, जतिंदर कौर, राजेश कुमार, आरके महाजन, आरएस झांजी, रूपिंदर कौर के अलावा 2 विधायकों अजनाला से हरप्रताप सिंह और दलवीर गोल्डी (धूरी) के नाम को अधिसूचित किया है।
इनके नाम रोके गये
फैकल्टी से जीते अशोक गोयल, केशव मल्होत्रा, रौणकी राम, राजेश गिल, नवदीप गोयल और अनु चतरथ। कालेज कांस्टीचुएंसी से इंदरपाल सिंह सिद्धू, तरुण घई, जगदीश मेहता, जगतार सिंह, जगदीप कुमार, शमिंदर संधू, केके शर्मा और हरप्रीत दुआ के नाम रोके गए हैं।