चंडीगढ़/पंचकूला, 27 सितंबर (नस)
चंडीगढ़ में भारत बंद का आज मिलाजुला असर रहा। संयुक्त किसान मोर्चा व पेंडु संघर्ष कमेटी चंडीगढ़ के आह्वान पर शहर के चारों तरफ बाॅर्डर जहां एक तरफ पूरा दिन सील रहे, वहीं अंदरूनी हिस्सों में बाजार खुले होने के बावजूद सड़कें सूनी रहीं। बाॅर्डर सील होने से शहर में वाहनों की आवाजाही बंद रही। शहर की जिन पार्किंगों में वाहनों को खड़ा करने की जगह नहीं मिलती थी, वहां आज सुनसान नजारा देखने को मिला। वहीं दूसरी तरफ, लोग बंद के दौरान घरों से बिना वाहनों के निकले।
जीरकपुर, मोहाली और पंजाब से मुल्लांपुर बैरियर पर कड़ी धूप में किसानों ने भारत सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। हल्लोमाजरा चौक में लगाए गए धरने के दौरान ग्रामीण संघर्ष समिति से दलजीत सिंह पलसोरा, मलकीत सिंह, बीबी जसविन्दर कौर, जोगिन्द्र सिंह, चंडीगढ़ पंजाबी मंच के महासचिव देवी दयाल शर्मा, शरनजीत सिंह, गुरमुख सिंह, सीटीयू से भूपिंद्र सिंह और बहलाना, हल्लोमाजरा, रायपुर कलां, रायपुर खुर्द, बुड़ैल, पलसोरा, खुड्डा अलीशेर, दरिया, मक्खनमाजरा, बुटेरला, राम दरबार से लोगों ने हिस्सा लिया। किसानों का कहना था कि भारत सरकार के साथ किसानों की 11 बार बैठकें हुई । बावजूद इसके इन बैठकों की जानकारी पूरी तरह गुप्त रखी गयी। इससे साफ है कि सरकार किसानों की जायज मांगों को बाहर न लाकर उनके साथ धक्का कर रही है। उधर, अाज जिला बार एसोसिएशन सेक्टर 43, जिला कोर्ट में वकीलों ने किसानों के समर्थन में वर्क सस्पेंड किया। वकीलों का कहना है कि सरकार द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस लेने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
रेल कर्मियों ने किसानों को दिया समर्थन
पिंजौर (निस) : कालका रेलवे वर्कशॉप मेन गेट पर सोमवार को एनआरएमयू ने लंच के दौरान ब्रांच अध्यक्ष प्रदीप कुमार की अध्यक्षता में गेट मीटिंग कर विरोध प्रदर्शन कर किसानों के भारत बंद को समर्थन दिया। प्रदीप कुमार ने कहा कि सरकार किसानों की जायज मांगों को अनसुना कर रही है और निगमीकरण व निजीकरण के ऊपर जोर दे रही है।
राजपुरा रहा पूर्ण तौर पर बंद
राजपुरा (निस) : सोमवार को राजपुरा पूर्ण तौर पर बंद रहा। वहीं, किसान जत्थेबंदीयों ने सरहिंद बाईपास, राजपुरा-चंडीगढ़ रोड व राजपुरा अम्बाला रोड के अलावा बनूड़ बेरियर, शम्भूृ बार्डर पर धरना दे कर आवाजाही चारों तरफ से ठप्प कर दी। इतना ही नहीं, किसान नेताओं ने बाजारों में घूमकर खुली दुकानें व होटल आदि भी बंद करवा दिये। कुछ सरकारी दफ्तर या बैंक आदि जो खुले थे उनको भी किसान जत्थेबंदियों के नेताओं ने बंद करवा दिया।