मोहाली, 11 जुलाई (निस)
आल इंडिया फेडरेशन आंगनवाड़ी वर्कर व हैल्पर के आह्वान पर सोमवार को आंगनवाड़ी कर्मचारी यूनियन पंजाब (सीटू) ने बचपन बचाओ के नारों के साथ रोष मार्च निकाला और डीसी दफ्तर के बाहर धरना दिया।
आंगनवाड़ी वर्कर की जिला जनरल सचिव गुरदीप कौर व भूपिंदर प्रधान खरड़ की अगवाई में प्रधान मंत्री के नाम एक मांग पत्र एसडीएम हरबंस सिंह को सौंपा।
इस मौके पर रैली को संबोधित करते भूपिंदर कौर ने कहा कि आंगनवाडी वर्कर 1975 से संगठित बाल विकास सेवाएं स्कीम के तहत बच्चों में फैले कुपोषण की सबसे बड़ी चुनौती के साथ लड़ते हुए देश की सेवा कर रही हैं। जहां देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है वहीं 2021 के ग्लोबल हंगल इंडेक्स, अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की वार्षिक रिपोर्ट ने 116 देशों में भारत का 101वां स्थान दर्ज करके भूख को भारत के लिए गंभीर समस्या बताया है। उन्होंने कहा कि आइसीडीएस में 8.5 करोड़ के करीब गर्भवति व नर्सिंग मां, 14 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों की ओर से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार पोषण मां जैसे प्रोग्राम चलाकर कुपोषण को दूर करने का नाटक करती है और दूसरी तरफ भारत सरकार आईसीडीएस में अलाटमेंट में लगातार कटौती करना, लाभपात्रियों को निशाना बनाना, लोगों को पोषण के लिए अनाज इक्ट्ठा करने के लिए वर्करों को जरूरी करना शामिल है।
सरकार ने कारपोरेट गैर सरकारी संगठनों को आईसीडीएस में लाया जा रहा है। देश के कई हिस्सों में आंगनबाडी कार्यकर्ताओं एवं हैल्परों को न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिल रही है। कई आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायकों की कोविड-19 के दौरान जान चली गई है। लेकिन भारत सरकार ने अभी तक कोई जोखिम भत्ता या मुआवजा प्रदान नहीं किया है।
इन सभी मुद्दों के मद्देनजर पूरे भारत में आज विरोध का एक दिन का मंचन व प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को मांग पत्र भेजकर विभाग को आईसीडीएस स्थानांतरित करने की मांग की है।