मुंबई, 6 अगस्त (एजेंसी)
छह फीसदी से ऊपर निकल चुकी महंगाई पर अंकुश रखने के लिए रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को नीतिगत ब्याज दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया है। वहीं, कोरोना से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के प्रयास जारी रखते हुए कंपनियों और व्यक्तिगत कर्ज के पुनर्गठन की सुविधा दी है। इसके साथ ही सोने के आभूषणों के बदले दिये जाने वाले कर्ज की सीमा को उनके मूल्य के 75 फीसदी से बढ़ाकर 90 फीसदी कर दिया है। यह राहत 31 मार्च 2021 तक उपलब्ध होगी। रिजर्व बैंक ने गैर बैंकिंग वित्त कंपनियों में नकदी बढ़ाने के अतिरिक्त उपायों की भी घोषणा की है।
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 3 दिन चली बैठक के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि पिछली 2 बैठकों में नीतिगत दर में 1.15 फीसदी की कटौती के बाद समिति ने इस बार रेपो सहित अन्य दरों को यथावत बनाये रखने के पक्ष में मत दिया। रेपो दर 4, रिवर्स रेपो दर 3.35 और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) 4.25 फीसदी पर बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि एमपीसी ने आर्थिक वृद्धि को पटरी पर लाने के लिए मौद्रिक नीति के रुख को नरम बनाये रखने का फैसला किया है। हालांकि, इसके साथ ही मुद्रास्फीति को तय दायरे में रखने पर भी ध्यान रहेगा।
दूसरी छमाही में घटेगी महंगाई : आरबीआई ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में महंगाई की दर ऊंची रह सकती है, लेकिन वर्ष की दूसरी छमाही में यह नीचे आ जाएगी। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण घरेलू खाद्य महंगाई तेज बनी रहेगी। आपूर्ति की राह में अड़चने बनी हुई हैं, जिससे खानपान और दूसरी वस्तुओं पर मुद्रास्फीति का दबाव है। खाद्य जिंसों के महंगा होने की आशंका है।
नाबार्ड, एनएचबी को 5-5 हजार करोड़
आवास क्षेत्र में तरलता बढ़ाने के लिए आरबीआई राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) को 5 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध कराएगा। कृषि क्षेत्र को मदद के लिए नाबार्ड को भी 5 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त विशेष तरलता सुविधा (एएसएलएफ) की घोषणा की गयी है।
बिना इंटरनेट मोबाइल से पेमेंट : रिजर्व बैंक ने ‘ऑफलाइन’ यानी बिना इंटरनेट के कार्ड और मोबाइल के जरिये खुदरा भुगतान की पायलट योजना को मंजूरी दे दी है। इसका मकसद उन जगहों पर भी डिजिटल लेन-देन के लिए ग्राहकों को प्रोत्साहित करना है, जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी कम है।
स्टार्टअप को भी प्राथमिक क्षेत्र के तहत कर्ज : रिजर्व बैंक ने प्राथमिक क्षेत्र के अंतर्गत कर्ज (पीएसएल) का दायरा बढ़ाते हुए इसमें स्टार्टअप को भी शामिल करने की घोषणा की है। साथ ही छोटे एवं सीमांत किसानों, कमजोर तबकों और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए भी कर्ज सीमा बढ़ा दी गयी है।
जीडीपी में गिरावट का अनुमान : रिजर्व बैंक ने अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के वित्त वर्ष के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में गिरावट आने का अनुमान व्यक्त किया है। आरबीआई गवर्नर ने कहा, ‘वित्त वर्ष की पहली छमाही में वास्तविक जीडीपी संकुचन के दायरे में रहेगी, जबकि पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में भी कुल मिलाकर इसके नकारात्मक रहने का अनुमान है।’