चरणजीत भुल्लर/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 26 अप्रैल
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विजयी उम्मीदवार किसी काम में भी पीछे प्रतीत नहीं होते। यहां तक कि उनके बच्चों की संख्या भी कांग्रेस की अपेक्षा कहीं अधिक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि कांग्रेस दूसरों की संपत्ति घुसपैठियों या ‘जिनके ज्यादा बच्चे हैं उनको सौंपना चाहती है। विपक्ष ने मोदी द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान की गयी इस टिप्पणी को लेकर चुनाव आयोग में शिकायत भी दर्ज करायी है। लोकसभा सांसदों की बात करें तो भाजपा सदस्य कांग्रेस की अपेक्षा ज्यादा बच्चों के मामलों में आगे दिखायी देते हैं।
चलिये प्रधानमंत्री की टिप्पणी की कसौटी पर ज्यादा बच्चों वाले मौजूदा एवं पूर्व सांसदों के बारे में जानें। प्रथम लोकसभा के 1952 के चुनाव से लेकर 17वीं लोकसभा तक कुल 5146 सदस्य बने हैं। इनमें से 406 महिलाएं भी शामिल हैं। कुल 5146 सदस्यों में से मौजूदा एवं पूर्व कुल 834 सदस्य भाजपा से संबंध रखते हैं। इनमें से कई स्वर्ग भी सिधार चुके हैं। अगर केवल 17वीं लोकसभा पर नजर डालें तो भाजपा के 13 सांसदों के 5-5 बच्चे हैं। जबकि 25 संसद सदस्यों के 4-4 बच्चे हैं। इसी तरह 3-3 बच्चों वाले 64 सांसद हैं। अब बात करते हैं पहली लोकसभा से 17वीं लोकसभा तक चुने गये भाजपा सांसदों की, जिनमें 5 भाजपा उम्मीदवार वे चुने गये जिनके 8-8 बच्चे थे। इसी तरह 8 संसद सदस्यों के 7-7 बच्चे थे। मध्यप्रदेश से 8 बार भाजपा टिकट पर निर्वाचित लक्ष्मीनारायण पांडे के 7 बच्चे हैं, जबकि झारखंड से 4 बार चुने गये भाजपा सदस्य जगदंबे प्रसाद के 8 बच्चे हैं।
कांग्रेस और भाजपा के बीच संतान को लेकर तुलनात्मक अध्ययन करें तो कांग्रेस के विजयी उम्मीदवार ‘पिछड़े’ नजर आते हैं। पहली से 17वीं लोकसभा तक पूर्व और मौजूदा संसद सदस्यों में भाजपा के 14 एेसे उम्मीदवार विजयी रहे जिनके 6-6 बच्चे हैं। दूसरी ओर 6-6 बच्चों वाले कांग्रेस के 10 सांसद हैं। भाजपा के 5-5 बच्चों वाले 37 संसद सदस्य हैं, जबकि कांग्रेस के 5-5 बच्चों वाले सांसदों की संख्या 28 है। इसी तरह 4-4 बच्चों वाले 76 भाजपा सांसद हैं, जबकि कांग्रेस के 52 सांसदों के 4-4 बच्चे हैं। इसी तरह 3-3 बच्चों वाले भाजपा के 114 सदस्य हैं और कांग्रेस के 82 सांसदों के 3-3 बच्चे हैं।
ये है दो या कम बच्चे वालों का गणित
‘दो ही काफी’ की संख्या भी काफी रोचक है। भाजपा के 255 सांसदों के 2-2 बच्चे हैं जबकि कांग्रेस के 133 सांसदों के 2-2 बच्चे हैं। इकलौती संतान वाले 59 भाजपा सदस्य हैं और इसके मुकाबले 46 कांग्रेस सदस्यों के 1-1 बच्चा है। जिन सदस्यों के कोई संतान नहीं उनमें भाजपा सदस्यों की संख्या 52 है और कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 40 है। सरकारी अंक गणना स्वयं यह गवाही देती है कि अब तक हुए 17 लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के मुकाबले भाजपा के सदस्यों (वर्तमान एवं पूर्व) के बच्चों की संख्या कहीं अधिक है।
जरा इनका भी रिकॉर्ड देखिए
बसपा नेता एवं 15वीं लोकसभा के सदस्य डाॅ. राजकुमार चौहान 4 बच्चों के पिता थे। तृणमूल कांग्रेस के 2 सदस्य एेसे हैं जिनके 3-3 बच्चे हैं। वैसे सर्वाधिक बच्चों का झंडाबरदार नगालैंड के 15वीं लोकसभा से निर्वाचित सदस्य चौंगशैन मोंगकोसुंगकुम चांग है जिनके बच्चों की रिकार्ड संख्या सर्वाधिक 10 रही। इनमें 5 पुत्र और 5 बेटियां हैं। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के 9 बच्चे हैं जिनमें 7 बेटियां और 2 बेटे हैं।
सोवियत संघ में मां हिरोइन अवार्ड
सोवियत संघ ने 8 जुलाई, 1944 में एक पुरस्कार की शुरुआत की थी जिसका नाम रखा गया मां हिरोइन। जिस माता ने 10 या इससे ज्यादा बच्चों को जन्म दिया उसकाे इस पुरस्कार से सम्मािनत किया जाता था। सम्मान में पेंशन व नकद राशि शामिल थी। यह पुरस्कार जन्मदाता मां के अन्तिम बच्चे के प्रथम जन्मदिवस के अवसर पर दिया जाता था। सोवियत संघ में 4.30 लाख माताओं को यह सम्मान प्राप्त करने का सौभाग्य मिला।
भाजपा के 8-8 बच्चों वाले नेता
लाल बिहारी तिवारी (पूर्वी दिल्ली), जगदम्बे प्रसाद यादव (झारखंड), हरिनारायण राज भाई (यूपी), कमल भान (छत्तीसगढ़) और प्रभात सिंह (गुजरात)
भाजपा के 7-7 बच्चों वाले पूर्व एवं मौजूदा सदस्य
शिवराज लोधी (मध्यप्रदेश), लाल मुनि चौबे (बिहार), हरबाजी नामदेव (महाराष्ट्र), मनोरमा (कर्नाटक), डाॅ. लक्ष्मी नारायण पांडे (मध्यप्रदेश), नारायण राज पांडे (यूपी) और नंद कुमार (छत्तीसगढ़)
किसी के नौ बच्चे और कोई अविवाहित
कांग्रेस पार्टी से चार बार संसद सदस्य कर्नाटक के राममूला के 9 बच्चे हैं। सिरसा से 14वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित आत्मासिंह गिल के भी 4 बेटियों सहित 8 बच्चे हैं। कांग्रेस के कर्नाटक से 14वीं लोकसभा के लिए चुने गये अनवर हुसैन के 7 बच्चे हैं। लोकसभा के तथ्य गवाही देते हैं कि औलाद के मामले में भाजपा का हाथ कहीं ऊपर है। भाजपा के 52 सदस्य नि:संतान हैं। जिनमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ, बालक नाथ, साध्वी प्रज्ञा, स्वामी महाराज और उमा भारती (सभी अविवाहित) इत्यादि शामिल हैं।
तुलनात्मक स्थिति
बच्चे (सांसद) भाजपा कांग्रेस
6 14 10
5 37 28
4 76 52
3 144 82
2 255 133
1 59 46
बेऔलाद 52 40
आखिर इशारा किसकी ओर
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर तंज़ कसते हुए यह कहा था कि जीतने के बाद वह जनता की संपत्ति का बड़ा हिस्सा ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों में बांट देंगे। हालांकि प्रधानमंत्री का इशारा एक समुदाय विशेष की ओर था परन्तु अब विपक्ष के नेता ही व्यंग्य वाण कस रहे हैं कि प्रधानमंत्री का संपत्ति बांटने का असली इशारा आखिर है किस ओर।