
चंडीगढ़, 16 मार्च (ट्रिन्यू)
पतंजलि फूड्स लिमिटेड (पूर्व में रुचि सोया) ने राष्ट्रीय कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की मुंबई बेंच द्वारा 15 दिसंबर 2017 को पारित आदेश के अनुसार कंपनी 15 दिसंबर 2017 से कॉर्पोरेट दिवालिया समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) में चली गई। एनसीएलटी द्वारा पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के नेतृत्व में एक कंसोर्टियम द्वारा प्रस्तुत संकल्प योजना के अनुमोदन के अनुसार पतंजलि समूह द्वारा कंपनी का अधिग्रहण किया गया था, इसके आदेश 24 जुलाई 2019 को दिनांक 4 सितंबर 2019 के आदेश के साथ पढ़ा गया और इसे 18 दिसंबर, 2019 से लागू किया गया। एनसीएलटी द्वारा विधिवत अनुमोदित संकल्प योजना के कार्यान्वयन के अनुसार किए इक्विटी शेयरों के आवंटन के कारण, कंपनी के प्रमोटर और प्रमोटर समूह की कुल शेयरहोल्डिंग जारी किए गए, पेड अप और सब्स्क्राइब्ड इक्विटी शेयर पूंजी 98.87% तक बढ़ गई।
कंपनी में प्रमोटर की शेयरधारिता को फ्रीज करने के लिए स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा की गई कार्रवाई के संबंध में पतंजलि ने स्पष्ट किया कि अप्रैल 2023 तक सेबी के दिशानिर्देशों के अनुसार प्रवर्तकों के शेयर पहले से ही लॉक-इन हैं और स्टॉक एक्सचेंज की तत्काल कार्रवाइयों का कामकाज पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है। स्टॉक एक्सचेंज द्वारा प्रवर्तकों की शेयरधारिता को तुरंत फ्रीज़ करने के कारण कंपनी की वित्तीय स्थिति पर कोई प्रतिकूल या नकारात्मक प्रभाव नहीं दिखता। प्रमोटर एमपीएस को प्राप्त करने के अनिवार्य अनुपालन के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और एमपीएस को प्राप्त करने के लिए विभिन्न तरीकों और साधनों की खोज कर रहे हैं और साथ ही यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सार्वजनिक शेयरधारकों के हित उचित रूप से सुरक्षित हैं। प्रमोटर टिकाऊ विकास के साथ अग्रणी एफएमसीजी कंपनियों में से एक के रूप में कंपनी का नेतृत्व करने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध हैं और रहेंगे।
सब से अधिक पढ़ी गई खबरें
ज़रूर पढ़ें