एक ऐसा भी बेड साइड साथी है, जिसके लिये स्वीकारोक्ति में कहा जा सकता है कि गुमशुदा की तलाश है। पर यदि कोई इस साथी को ढूंढ़कर ला भी दे तो भी उसकी हैसियत अब बेड साइड साथी की नहीं रही। वह हमेशा के लिये आपको छोड़कर जा चुका है। विडम्बना इस बात की है कि कोई उसे ढूंढ़ने के लिये ज़रा भी प्रयासरत नहीं है। मेरा इशारा डिक्शनरी की तरफ है। वह भी ज़माना था जब डिक्शनरी हर विद्यार्थी की साथी हुआ करती और बेड साइड में सजी रहा करती। स्कूल-कॉलेजों के फंक्शन में मेधावी विद्यार्थियों को पुरस्कार स्वरूप आमतौर से डिक्शनरी मिला करती। विवाह पश्चात का अपना एक जन्मदिन याद है जब मेरे जीवनसाथी ने मुझे मेरी ड्रीम डिक्शनरी उपहार स्वरूप दी थी। यह थी ‘रेंडम हाउस वेबस्टर्स कॉलेज डिक्शनरी’।
मैंने हमेशा पाया कि एक-दो डिक्शनरी मेरे पापा के सिरहाने सदा रखी रहा करतीं। इसके बाद यही आदत मेरी हो गई। पहले मेरे पास सालों साल तक भार्गव डिक्शनरी हुआ करती और झट से अंग्रेजी के शब्दों का हिन्दी में अर्थ देख लिया करती। दरअसल यह वह समय था जब अंग्रेजी शब्दों का अर्थ अंग्रेजी में समझ ही नहीं आया करता। बाद में तो लोंगमैन, कॉलिन्स, ऑक्सफोर्ड, मैकमिलन आदि डिक्शनरी देखने का चस्का लग गया था।
डिक्शनरी से प्यार होने का कारण पापा का सख्त रवैया था। आठवीं-नौवीं में पढ़ते हुए जब भी किसी अंग्रेजी शब्द का अर्थ पूछती तो जवाब मिलता कि डिक्शनरी देखो। उनके इस सुझाव पर बहुत खीझ मच जाया करती। उनका तर्क था कि डिक्शनरी में अर्थ ढूंढ़ते हुये आगे-पीछे वाले चार-पांच और शब्दों से भी परिचय हो जाता है। तब तो उनका यह तर्क कभी नहीं सुहाया पर बाद में बहुत सार्थक लगा।
अब डिक्शनरियों की दुर्गति हो चुकी है। मैंने पिछले कई सालों से किसी विद्यार्थी को डिक्शनरी से झक मारते हुये नहीं देखा। गूगल से पूछकर शब्दों की उलझन को सुलझाने के हम सब आदी हो चुके हैं। विलोम शब्दों की तलाश हो या पर्यायवाचियों की, सब गूगल की शरण में जा चुके हैं। स्पैलिंग की तो अब चिन्ता ही किसे है। एक स्लैंग भाषा समकक्ष चल रही है। डिक्शनरी के प्रकाशकों की भी मिट्टी खराब हो रही होगी ठीक वैसे ही जैसे अलमारियों में सजी भारी-भरकम डिक्शनरियों पर मिट्टी की परतें चढ़ रही हैं।
000
एक बर की बात है अक नत्थू के घरां चोर घुस ग्या अर पिस्तौल तान कै बोल्या—बता सोना कहां है? नत्थू बेपरवाह सा होकै बोल्या— रै बावली बूच! इतनी-सी बात खात्तर पिस्तौल काढण की के जरूरत है। पूरा घर खाली पड़्या है तन्नैं जित सोना हो सो ज्या।