ल्वीव (यूक्रेन), 21 मार्च (एपी)
यूक्रेन ने मारियुपोल में नागरिकों के लिए सुरक्षित मानवीय गलियारे के बदले इस बंदरगाह शहर में सेना के हथियार डालने की रूस की मांग को ठुकरा दिया है। रूसी सेना ने मारियुपोल में यूक्रेन की सेना पर दबाव बनाने के लिए बमबारी तेज कर दी है और अन्य शहरों पर भी लगातार हमले किए जा रहे हैं। वहीं, यूक्रेन की राजधानी कीव में रूसी सेना की गोलाबारी में एक शॉपिंग सेंटर ध्वस्त हो गया। हमले में कम से कम आठ लोग मारे गए। अजोव सागर के पास स्थित दक्षिणी शहर मारियुपोल तीन सप्ताह से अधिक समय से रूसी सेना के भीषण हमलों का सामना कर रहा है। यूक्रेन के अधिकारियों के मुताबिक, रूसी सेना ने एक कला विद्यालय पर बमबारी करने के कुछ घंटे बाद गलियारा खोलने का प्रस्ताव दिया था। इस विद्यालय में लगभग 400 लोगों ने शरण ले रखी थी। हालांकि, यूक्रेन ने रूस के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।
यूक्रेन की उप प्रधानमंत्री इरिना वेरेश्चुक ने कहा, ‘‘आत्मसमर्पण करने, हथियार डालने का सवाल ही नहीं उठता। हमने रूसी पक्ष को पहले ही इस बात की जानकारी दे दी है। हमने उनसे कहा है कि वे 8 पन्नों की चिट्ठी लिखने पर वक्त बर्बाद करने के बजाय गलियारे खोलें।’ मारियुपोल के मेयर पियोत्र आंद्रस्चेन्को ने भी प्रस्ताव ठुकराने की पुष्टि की। रूसी कर्नल जनरल मिखाइल मिजिंत्सेव ने कहा था कि वह मारियुपोल से प्रस्थान के लिए दो निकासी गलियारा बनाने की अनुमति देंगे, जिनमें से एक पूर्व में रूस की तरफ तो दूसरा पश्चिम में यूक्रेन के अन्य हिस्सों की ओर जाएगा। हालांकि, रूस ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि यूक्रेन के प्रस्ताव को ठुकराने के बाद वह क्या कार्रवाई करेगा।
इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने एक वीडियो संदेश जारी कर बताया कि रूसी सेना ने एक कला विद्यालय पर बमबारी की, जिसमें लगभग 400 लोगों ने शरण ले रखी थी। उन्होंने कहा, ‘‘वहां मौजूद लोग मलबे में दब गए हैं। हमें नहीं पता कि उनमें से कितने बच पाए हैं। लेकिन हम यह जरूर जानते हैं कि हम कला विद्यालय पर बम बरसाने वाले पायलट को निश्चित तौर पर मार गिराएंगे।” मारियुपोल पर कब्जे से दक्षिणी और पूर्वी यूक्रेन में रूसी सेना को एकजुट होने में मदद मिलेगी। इससे पहले, मारियुपोल के एक सिनेमाघर पर भी बम बरसाए गए थे, जहां एक हजार से अधिक लोगों ने शरण ले रखी थी। शहर में तीन हफ्ते से अधिक समय से बमबारी हो रही है और इसने युद्ध के कुछ सबसे भयानक मंजर देखे हैं।