संयुक्त राष्ट्र, 30 अप्रैल (एजेंसी)
भारत और पाकिस्तान के कई हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ने के बीच मौसम पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी ने कहा है कि दोनों देशों में अत्यधिक गर्मी के लिए पूरी तरह से जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराना जल्दबाजी होगी। एजेंसी ने कहा कि भीषण गर्मी का दौर बदलते मौसम के अनुरूप है, जिसमें लू चलनी पहले ही शुरू हो जाती है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने शुक्रवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के कई हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ रही है, जिससे लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं। इसने कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार 28 अप्रैल को कई क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 43-46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया और भीषण गर्मी दो मई तक जारी रहने का अनुमान है।
पाकिस्तान के मौसम विभाग ने कहा कि देश के कई इलाकों में दिन का तापमान सामान्य से कुछ डिग्री अधिक रहने का अनुमान है। डब्लूएमओ ने कहा, “भारत और पाकिस्तान में अत्यधिक गर्मी के लिए केवल जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराना जल्दबाजी होगी। भीषण गर्मी का दौर बदलते मौसम के अनुरूप है, जिसमें लू चलनी पहले ही शुरू हो जाती है।” वैश्विक निकाय ने कहा कि दोनों देशों में राष्ट्रीय मौसम विज्ञान, जल विज्ञान विभाग स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन एजेंसियां साथ मिलकर काम कर रही हैं, ताकि गर्मी से निपटने की योजना तैयार की जा सके। डब्लूएमओ ने कहा, ‘‘लू (हीटवेव्स) का न केवल मानव स्वास्थ्य पर, बल्कि पारिस्थितिकी तंत्र, कृषि, जल एवं ऊर्जा आपूर्ति और अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों पर भी व्यापक प्रभाव पड़ता है।” डब्ल्यूएमओ के अनुसार, ”मानसून पूर्व की अवधि में भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में नियमित रूप से अत्यधिक उच्च तापमान रहेगा, खासतौर से मई में।”