जकार्ता, 22 अप्रैल (एजेंसी)
इंडोनेशियाई नौसेना ने बृहस्पतिवार को अपनी लापता पनडुब्बी की गहन तलाश जारी रखी जिसके बारे में आशंका है कि यह गहरे समुद्र में समा चुकी है और इसमें सवार 53 लोगों के जिंदा होने की संभावना भी अब क्षीण होती जा रही है। भारतीय नौसेना ने भी बृहस्पतिवार को समुद्र की गहराई में बचाव अभियान चलाने में सक्षम अपने पोत को तैनात किया। साथ ही इस जटिल तलाश अभियान में पड़ोसी देश भी मदद को आगे आए हैं। भारतीय नौसेना ने बताया कि ‘डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू वेसल (डीएसआरवी) इंडोनेशियाई नौसेना की लापता पनडुब्बी की तलाश में मदद करने के लिए विशखापत्तनम से रवाना हो गया है।
उल्लेखनीय है कि डीजल चालित ‘केआरआई नांग्गला 402’ पनडुब्बी बुधवार को प्रशिक्षण अभ्यास के दौरान लापता हो गयी थी। अधिकारियों ने बताया कि बाली द्वीप से 96 किलोमीटर उत्तर में जिस स्थान पर आखिरी समय पनडुब्बी ने पानी में गोता लगाया था, वहां तेल के रिसाव और डीजल की गंध मिली है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि इस तेल का संबंध लापता पनडुब्बी से ही है। इंडोनेशियाई नौसेना ने कहा कि उसे लगता है कि यह पनडुब्बी 600 से 700 मीटर की गहराई में डूबी है जो 200 मीटर गहराई के पूर्व के अनुमान से अधिक है।
दक्षिण कोरियाई कंपनी ‘देउ शिपबिल्डिंग ऐंड मरीन इंजीनियरिंग’ के अधिकारी गुक हेयाने ने कहा कि अधिकतर पनडुब्बी 200 मीटर से अधिक गहराई पर जाने पर दबाव की वजह से नष्ट जाती हैं। उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी ने इंडेनेशियाई पनडुब्बी के आंतरिक प्रणाली को अद्यतन किया था, लेकिन अब उसके बारे में सूचना नहीं है।