इंतजार खत्म, NASA ने दिया सुनीता विलियम्स की वापसी को लेकर बड़ा अपडेट
चंडीगढ़, 17 मार्च (ट्रिन्यू)
Sunita Williams: अंतरिक्ष में नौ महीनों से फंसे नासा के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर 19 मार्च को धरती पर लौटेंगे। नासा ने इस वापसी को लेकर आधिकारिक घोषणा कर दी है। यह दोनों अंतरिक्ष यात्री पिछले वर्ष 5 जून 2024 को बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सूल से अंतरिक्ष गए थे, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण उनका मिशन आठ दिन से बढ़कर नौ महीने लंबा हो गया।
18 मार्च को होगा वापसी मिशन का आगाज
नासा के अनुसार, 18 मार्च की शाम से ही वापसी मिशन की तैयारियां शुरू हो जाएंगी। स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल से लौटने वाले यात्रियों में रूसी अंतरिक्ष यात्री अलेक्ज़ांद्र गोरबुनोव और नासा के निक हेग भी शामिल होंगे। स्पेसएक्स कैप्सूल के फ्लोरिडा तट के पास उतरने की उम्मीद है। नासा इस पूरी प्रक्रिया की लाइव कवरेज भी करेगा।
.@NASA will provide live coverage of Crew-9’s return to Earth from the @Space_Station, beginning with @SpaceX Dragon hatch closure preparations at 10:45pm ET Monday, March 17.
Splashdown is slated for approximately 5:57pm Tuesday, March 18: https://t.co/yABLg20tKX pic.twitter.com/alujSplsHm
— NASA Commercial Crew (@Commercial_Crew) March 16, 2025
धरती पर लौटने के बाद होगी चुनौतियां
अंतरिक्ष में लंबी अवधि बिताने के बाद पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में ढलना अंतरिक्ष यात्रियों के लिए बड़ी चुनौती होती है। वैज्ञानिकों के अनुसार, वजनहीनता के कारण शरीर की कई क्षमताएं प्रभावित होती हैं, जिससे लौटने पर मतली, चक्कर, चलने में दिक्कत और ‘बेबी फीट’ जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
Crew 10 Dragon vehicle arriving! pic.twitter.com/3EZZyZW18b
— Don Pettit (@astro_Pettit) March 16, 2025
क्या है ‘बेबी फीट’ समस्या?
अंतरिक्ष में भारहीनता के कारण पैरों के तलवों की ऊपरी मोटी त्वचा हट जाती है, जिससे वे बच्चे के मुलायम तलवों जैसे हो जाते हैं। इसके अलावा, ‘वेस्टिबुलर’ सिस्टम (जो संतुलन बनाए रखता है) भी प्रभावित होता है, जिससे ‘ग्रैविटी सिकनेस’ जैसी समस्या हो सकती है।
हड्डियों और मांसपेशियों पर असर
गुरुत्वाकर्षण की कमी से हड्डियों का घनत्व हर महीने 1% तक घट जाता है। इस नुकसान से बचने के लिए अंतरिक्ष यात्रियों को हर दिन दो घंटे कड़ा व्यायाम करना होता है। नासा के अनुसार, यदि यह व्यायाम न किया जाए तो वापसी के बाद महीनों तक खड़ा होना और चलना मुश्किल हो सकता है।
संक्रमण का बढ़ जाता है खतरा
अंतरिक्ष में प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर हो जाती है, जिससे पृथ्वी पर लौटने के बाद संक्रमण और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। कनाडाई अंतरिक्ष यात्री क्रिस हैडफील्ड ने बताया था कि पृथ्वी पर लौटने के बाद उनकी जीभ और होंठ भारी लगने लगे थे, जिससे उन्हें बोलने में भी दिक्कत हुई।
अंतरिक्ष यात्रियों की सेहत पर विशेष निगरानी
ह्यूस्टन स्थित बेलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन के विशेषज्ञों के अनुसार, नासा की टीम सुनीता विलियम्स और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों की सेहत पर कड़ी निगरानी रखेगी और पृथ्वी के माहौल में उन्हें फिर से ढालने की प्रक्रिया शुरू करेगी। (एजेंसी के इनपुट के साथ)