औगाडोउगोउ, 25 जनवरी (एपी)
बुर्किना फोन के सरकारी टेलीविजन पर सोमवार को 10 से अधिक विद्रोही सैनिकों ने घोषणा की कि देश पर अब जुंटा (सेना) का नियंत्रण है। इससे पहले बुर्किना फासो के राष्ट्रपति रोच मार्क क्रिश्चियन काबोरे को बागी सैनिकों ने बंधक बना लिया था। यह पिछले 18 महीने में तीसरा पश्चिमी अफ्रीकी देश है, जहां इस्लामी चरमपंथी हमलों से निपटने के सरकार के तौर-तरीकों को लेकर सेना ने तख्तापलट किया है। कैप्टन सिदसोरे कबेर औएद्राओगो ने कहा कि सुरक्षा एवं बहाली के इस देशभक्ति आंदोलन (पैट्रियटिक मूवमेंट) ने अपनी जिम्मेदारी निभाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि गहराते इस्लामी विद्रोह और संकट से निपटने में राष्ट्रपति की अक्षमता की वजह से बिगड़ती सुरक्षा स्थिति के कारण सैनिक काबोरे के राष्ट्रपति कार्यकाल को समाप्त कर रहे हैं। अभी तत्काल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि राष्ट्रपति रोच मार्क क्रिश्चियन काबोरे कहां हैं। जुंटा के प्रवक्ता ने कहा कि केवल तख्तापलट किया गया है, ‘‘गिरफ्तार किए गए लोगों को किसी प्रकार की कोई चोट नहीं पहुंचाई गई, उन सभी को सम्मान के साथ सुरक्षित स्थान पर रखा गया है।’ नाम उजागर ना करने की शर्त पर विद्रोह में शामिल एक सैनिक ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) को बताया कि काबोरे ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है। नए सैन्य शासन ने कहा कि उसने बुर्किना फासो के संविधान और ‘नेशनल असेंबली’ को भंग कर दिया है। देश की सीमाएं भी बंद हैं और रात नौ बजे से सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू रहेगा। औएद्राओगो ने विस्तृत जानकारी दिए बिना बताया कि देश के नए नेता चुनाव कराने के लिए एक ऐसा समय का निर्धारण करेंगे, जो ‘सभी को स्वीकार्य हो।’ सरकारी प्रसारणकर्ता ‘आरटीबी’ पर पढ़ी गई विज्ञप्ति पर देश के नए सैन्य नेता लेफ्टिनेंट कर्नल पॉल हेनरी सैंडाओगो दामिबा के हस्ताक्षर थे। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनिया गुतारेस ने तख्तालट करने वाले नेताओं से हथियार छोड़ने का आग्रह किया। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, ‘‘गुतारेस ने बुर्किना फासो में संवैधानिक व्यवस्था के संरक्षण और देश के समक्ष आई बहुमुखी चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए लोगों द्वारा किए जा रहे प्रयासों में मदद के लिए संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबद्धता को दोहराया।”
गौरतलब है कि बुर्किना फासो के राष्ट्रपति रोच मार्क क्रिश्चियन काबोरे के आवास के पास रविवार देर रात गोलियों की आवाज सुनी गईं थी। इससे पहले विद्रोही सैनिकों ने दिन में एक सैन्य अड्डे पर कब्जा कर लिया था। काबोरे के राजनीतिक दल ने एक बयान में विद्रोही सैनिकों पर राष्ट्रपति और एक अन्य सरकारी मंत्री की हत्या करने की कोशिश का आरोप लगाते हुए कहा था कि औगाडोउगोउ में राष्ट्रपति आवास ‘‘भारी हथियारों से लैस लोगों” से घिरा हुआ है। काबोरे, वर्ष 2015 से ही राष्ट्रपति हैं और नवंबर 2020 में एक बार फिर वह राष्ट्रपति चुने गए थे। वह तभी से विरोध का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कुछ समय पहले देश के प्रधानमंत्री को बर्खास्त कर दिया था और मंत्रिमंडल के ज्यादातर सदस्यों को बदल दिया था। कभी शांतिपूर्ण रहे इस पश्चिमी अफ्रीकी देश में हिंसा की घटनाएं बढ़ती जा रही है, क्योंकि अलकायदा और इस्लामिक स्टेट समूह के हमले यहां बढ़ रहे हैं। हाल के वर्षों में हजारों लोग मारे गये हैं और करीब 15 लाख लोग विस्थापित हुए हैं।