Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

आने वाले वक्त में क्वाड की बढ़ेगी प्रासंगिकता : जयशंकर

पर्थ, 10 फरवरी (एजेंसी) विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को कहा कि उन्हें विश्वास है कि ‘क्वाड’ (चतुष्कोणीय सुरक्षा संवाद) समूह की प्रासंगिकता बढ़ेगी और यह क्षेत्रीय तथा क्षेत्र से परे राजनीति व नीति में एक बड़ा कारक बनेगा।...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
पर्थ में शनिवार को भारतीय समुदाय के प्रतिष्ठित लोगों से मिलते विदेश मंत्री एस जयशंकर। - एएनआई
Advertisement

पर्थ, 10 फरवरी (एजेंसी)

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को कहा कि उन्हें विश्वास है कि ‘क्वाड’ (चतुष्कोणीय सुरक्षा संवाद) समूह की प्रासंगिकता बढ़ेगी और यह क्षेत्रीय तथा क्षेत्र से परे राजनीति व नीति में एक बड़ा कारक बनेगा। जयशंकर ने हिंद महासागर सम्मेलन में ऑस्ट्रेलिया की अपने समकक्ष पेनी वोंग के साथ एक चर्चा के दौरान ये टिप्पणियां कीं। वह दो दिवसीय सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे हैं।

Advertisement

भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया वाले ‘क्वाड’ समूह के बारे में बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि यह समूह प्रमुख शक्तियों की बदलती क्षमताओं और पूरी दुनिया पर उसके असर का परिणाम है। क्वाड का गठन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक रुख से निपटने के लिए 2017 में किया गया था। विदेश मंत्री ने हिंद महासागर के देशों के साथ भारत की साझेदारी के बारे में भी बात की। जयशंकर ने कहा, ‘आज हिंद महासागर के पुनर्निर्माण और उसे पुन: जोड़ने की चुनौती है। आप ऐसा भारत देखने जा रहे हैं जो हिंद महासागर में बहुत गहराई से जुड़ा होगा और बहुत गहरायी से उसमें निवेश करेगा...हमारा उद्देश्य यह होना चाहिए कि हिंद महासागर को अतीत की तुलना में आज अधिक जुड़ा हुआ, अधिक निर्बाध और समावेशी बनाया जाए।’

नैन सिंह सैलानी एवेन्यू का किया दौरा

जयशंकर ने पर्थ में भारतीय मूल के सैनिक नैन सिंह सैलानी के नाम पर रखे गए सैलानी एवेन्यू का भी दौरा किया। रिकॉर्ड से पता चलता है कि उन्होंने सात फरवरी 1916 को पर्थ में ऑस्ट्रेलियन इम्पीरियल फोर्स में शामिल होने से पहले एक ‘मजदूर’ के रूप में काम किया था। शिमला में जन्मे नैन सिंह उस समय 43 वर्ष के थे जब उन्हें ऑस्ट्रेलियन और न्यूजीलैंड आर्मी कोर की 44वीं इंफेंट्री बटालियन में शामिल किया गया था। वह द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी द्वारा चलाए एक आक्रामक अभियान में मारे गए थे। उन्हें ब्रिटिश वॉर मेडल, विक्ट्री मेडल और 1914/15 स्टार से सम्मानित किया जा चुका है।

Advertisement
×