काठमांडु, 29 मई (एजेंसियां)
नेपाल के पर्वतीय इलाकों में एक विमान के लापता होने की सूचना है। जानकारी के अनुसार विमान में 22 लोग सवार थे जिनमें 4 भारतीय भी शामिल हैं। विमान के क्रैश होने का अंदेशा जताया जा रहा है। एयरलाइन और सरकारी अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि छोटा विमान राजधानी काठमांडु से करीब 200 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में पर्यटन शहर पोखरा से उत्तर पश्चिम में करीब 80 किलोमीटर दूर जोमसोम के लिए उड़ान भर रहा था। यह तारा एयर द्वारा संचालित था। विमान ने जोमसोम पर्वतीय शहर के लिए 15 मिनट की निर्धारित उड़ान भरी थी। उसका उड़ान भरने के थोड़ी देर बाद हवाई अड्डा टॉवर से संपर्क टूट गया। इलाके में पिछले कुछ दिन से बारिश हो रही है, लेकिन विमान संचालन सामान्य है। इस मार्ग पर विमान पर्वतों के बीच उड़ते हैं और फिर एक घाटी में उतरते हैं। यह उन विदेशी पर्वतारोहियों के बीच लोकप्रिय मार्ग है जो पर्वतीय मार्ग पर चढ़ाई करते हैं। यह मुक्तिनाथ मंदिर जाने वाले भारतीय और नेपाली तीर्थयात्रियों के लिए भी लोकप्रिय मार्ग है।
विमान में 4 भारतीय, 2 जर्मन और 13 नेपाली यात्रियों के अलावा चालक दल के तीन नेपाली सदस्य सवार थे। विमानन कंपनी ने यात्रियों की सूची जारी की है, जिसमें भारतीयों की पहचान अशोक कुमार त्रिपाठी, धनुष त्रिपाठी, ऋतिका त्रिपाठी और वैभवी त्रिपाठी के रूप में की गई है। चालक दल के सदस्यों का नेतृत्व कैप्टन प्रभाकर प्रसाद घिमिरे कर रहे थे। उत्सव पोखरेल सह चालक और किसमी थापा विमान परिचारिका के रूप में विमान के चालक दल में शामिल थे। विमानन सूत्रों ने बताया कि विमान को पश्चिमी पर्वतीय इलाके में जोमसोम हवाई अड्डे पर उतरना था, लेकिन पोखरा-जोमसोम हवाई मार्ग पर घोरेपानी के ऊपर आसमान में विमान का टॉवर से संपर्क टूट गया। जोमसोम हवाई अड्डे में एक हवाई यातायात नियंत्रक के अनुसार, जोमसोम के घासा में एक जोरदार आवाज सुनाई देने की अपुष्ट खबर मिली है। इस बात का संदेह है कि विमान धौलागिरि इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हुआ। त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के महाप्रबंधक प्रेमनाथ ठाकुर के हवाले से बताया गया है कि 10 जवानों और नागर विमानन प्राधिकरण के 2 कर्मियों को लेकर नेपाल की सेना का एक हेलीकॉप्टर संभावित दुर्घटनास्थल नरसिंह मठ के निकट एक नदी के किनारे उतरा।
‘नेपाल टेलीकॉम’ ने ‘ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम’ (जीपीएस) नेटवर्क के माध्यम से यह पता लगाया कि विमान के पायलट कैप्टन प्रभाकर घिमिरे का मोबाइल फोन कहां है, जिसके बाद विमान का पता लगाया गया। म्यागड़ी के मुख्य जिला अधिकारी चिरंजीवी राणा ने ‘द काठमांडू पोस्ट’ समाचार पत्र को बताया कि खराब मौसम ने उस स्थान पर तलाशी के प्रयासों को बाधित किया है, जहां स्थानीय लोगों ने विमान को आखिरी बार देखा था। राणा के अनुसार, स्थानीय लोगों ने बताया कि विमान खैबंग में दो चक्कर लगाए और वह ‘लेटे पास’ (2,500 मीटर) के निकट कीटी डंडा की ओर बढ़ गया। उन्होंने कहा, ‘‘स्थल की ओर पुलिस के एक दल को भेजा गया है। इस स्थल से लेटे तक 12 घंटे की पैदल यात्रा है। जिस जगह पर विमान को आखिरी बार देखा गया था, वहां मानवीय बस्तियां नहीं हैं।” राणा ने कहा, ‘‘मौसम में सुधार होते ही हेलीकॉप्टर हवाई अभियान आरंभ करेगाा।” लापता विमान की तलाश में पोखरा के लिए उड़ान भरने वाला हेलीकॉप्टर खराब मौसम के कारण कोई सफलता हासिल किए बिना लौट आया। तलाश अभियान में मदद के लिए काठमांडू से एक एमआई-19 हेलीकॉप्टर भी भेजा गया है।