संयुक्त राष्ट्र, 25 सितंबर (एजेंसी)
संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के कश्मीर मुद्दे का राग अलापने पर भारत ने उसके जवाब में कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जहां आतंकवादी बेरोक-टोक आ जा सकते हैं। वह ‘आग को भड़काने वाला’ है जबकि खुद को ‘आग बुझाने वाले’ के रूप में पेश करने का दिखावा करता है और पूरी दुनिया को उसकी नीतियों के कारण नुकसान उठाना पड़ा है क्योंकि पाक आतंकवादियों को पालता है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में शुक्रवार को कहा, ‘पाकिस्तान के नेता द्वारा भारत के आंतरिक मामलों को विश्व मंच पर लाने और झूठ फैलाकर इस प्रतिष्ठित मंच की छवि खराब करने के एक और प्रयास के प्रत्युत्तर में हम जवाब देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं।’ युवा भारतीय राजनयिक ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र में एक बार फिर कश्मीर का राग अलापने पर पाकिस्तान की निंदा करते हुए कहा, ‘इस तरह के बयान देने वालों और झूठ बोलने वालों की सामूहिक तौर पर निंदा की जानी चाहिए।’
दुबे ने कहा, ‘हम सुनते आ रहे हैं कि पाकिस्तान ‘आतंकवाद का शिकार’ है। यह वह देश है जिसने खुद आग लगायी है और आग बुझाने वाले के रूप में खुद को पेश करता है।’
खान और अन्य पाकिस्तानी नेताओं और राजनयिकों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा और विश्व संगठन के अन्य मंचों पर अपने संबोधन में जम्मू कश्मीर और भारत के अन्य आंतरिक मामलों के मुद्दे को लगातार उठाया है। कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के पाकिस्तान के प्रयासों को अंतराष्ट्रीय समुदाय और सदस्य देशों से कोई फायदा नहीं हुआ है, क्योंकि वे मानते हैं कि कश्मीर दोनों देशों के बीच एक द्विपक्षीय मामला है।
दुबे ने कहा कि यह खेदजनक है और यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान के नेता ने मेरे देश के खिलाफ झूठ फैलाने और दुष्प्रचार के लिए संयुक्त राष्ट्र के मंच का ‘दुरुपयोग’ किया है और दुनिया का ध्यान अपनी ओर से हटाने का भरसक प्रयास किया है। दुबे ने कहा कि दुनिया यह नहीं भूली है।’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक – सिख, हिंदू, ईसाई – के निरंतर भय के साये में जीने और राज्य प्रायोजित दमन का शिकार होने को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान एक ऐसा शासन है जहां इसके नेतृत्व द्वारा यहूदी-विरोधीवाद को सामान्य बताया जाता है और यहां तक कि इसे उचित भी ठहराया जाता है।’ दुबे ने कहा कि इसके विपरीत भारत अल्पसंख्यकों की पर्याप्त आबादी वाला एक बहुलवादी लोकतंत्र है, जिन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीशों और सेना प्रमुखों सहित देश में सर्वोच्च पदों पर कार्य किया है।’
जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत का अविभाज्य हिस्सा
खान ने 5 अगस्त, 2019 को धारा 370 को निरस्त करने के भारत सरकार के फैसले और पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के निधन के बारे में बात की। जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए दुबे ने दृढ़ता से दोहराया कि समूचे केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख ‘हमेशा भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा थे, हैं और रहेंगे। इसमें वे क्षेत्र भी शामिल हैं जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में हैं। हम पाकिस्तान से उसके अवैध कब्जे वाले सभी क्षेत्रों को तुरंत खाली करने का आह्वान करते हैं।’