कोलंबो, 11 जुलाई (एजेंसी)
श्रीलंका में जारी राजनीतिक और आर्थिक संकट के बीच प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के कार्यालय ने सोमवार को कहा कि नयी सर्वदलीय अंतरिम सरकार बनते ही समूचा मंत्रिमंडल इस्तीफा दे देगा और उन्हें अपनी जिम्मेदारी सौंप देगा। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने शनिवार को घोषणा की थी कि वह बुधवार को इस्तीफा देंगे। राष्ट्रपति ने आधिकारिक तौर पर प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को बताया कि वह 13 जुलाई को इस्तीफा दे देंगे। प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने भी कहा है कि नयी सरकार बनने के बाद वह पद छोड़ देंगे।
राष्ट्रपति राजपक्षे और प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे के इस्तीफा देने पर सहमत होने के बाद विपक्षी दलों ने रविवार को वार्ता की और सर्वदलीय अंतरिम सरकार बनाने का फैसला किया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा है कि मंत्रिमंडल के सभी सदस्य नयी सर्वदलीय सरकार बनते ही अपनी जिम्मेदारी सौंपने पर सहमत हो गए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा, ‘चर्चा में भाग लेने वाले सभी मंत्रियों की राय थी कि जैसे ही सर्वदलीय सरकार बनाने का समझौता होता है, वे उस सरकार को अपनी जिम्मेदारी सौंपने के लिए तैयार हैं।’ सोमवार को कैबिनेट मंत्रियों के साथ हुई चर्चा के बाद यह फैसला हुआ।
प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने सोमवार सुबह मंत्रियों के साथ चर्चा की। पांच कैबिनेट मंत्री पहले ही इस्तीफे की घोषणा कर चुके हैं। श्रीलंका के संविधान के तहत यदि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों इस्तीफा देते हैं, तो संसद का अध्यक्ष अधिकतम 30 दिनों के लिए कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करेगा। संसद अपने सदस्यों में से 30 दिनों के भीतर एक नए राष्ट्रपति का चुनाव करेगी, जो वर्तमान कार्यकाल के शेष दो वर्षों के लिए पद संभालेंगे।
सैनिक भेजने का भारत ने किया खंडन
कोलंबो : श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने उन खबरों का फिर से खंडन किया है, जिनमें कहा गया है कि नयी दिल्ली द्वारा कोलंबो में भारतीय सैनिक भेजे जाएंगे। इससे पहले, मई में भी भारतीय उच्चायोग ने मीडिया के एक वर्ग में आई ऐसी ही खबरों को खारिज किया था । भारतीय उच्चायोग ने देर रात एक ट्वीट में कहा, ‘उच्चायोग मीडिया और सोशल मीडिया के एक वर्ग में, भारत द्वारा अपनी सेना श्रीलंका भेजे जाने को लेकर आ रहीं खबरों का स्पष्ट रूप से खंडन करना चाहता है।’