हिरोशिमा, 6 अगस्त (एजेंसी)
जापान के हिरोशिमा शहर पर हुए दुनिया के पहले परमाणु बम हमले को बृहस्पतिवार को 75 साल पूरे हो गए, लेकिन जीवित बचे लोग आज तक उस दिन को भुला नहीं पाए हैं। हमले में जीवित बचे लोगों और उनके संबंधियों ने हिरोशिमा शांति स्मारक पार्क में बृहस्पतिवार सुबह 8.15 बजे एक मिनट का मौन रखकर मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। कोरोना वायरस के चलते इस कार्यक्रम में कम लोगों को यहां आने की अनुमति थी।
अमेरिका ने आज ही के दिन 1945 में हिरोशिमा पर पहला परमाणु बम गिराया था, जिससे यह शहर तबाह हो गया था। इस हमले में 1.40 लाख लोगों की मौत हो गई थी। इसके तीन दिन बाद अमेरिका ने नागासाकी शहर पर परमाणु हमला किया, जिसमें 70 हजार लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद 15 अगस्त को जापान के आत्मसमर्पण करने के साथ ही द्वितीय विश्वयुद्ध समाप्त हो गया।
हमले में बचे और अब इस दुनिया से विदा हो चुके अपने पिता को श्रद्धांजलि देने आए मनाबू इवासा ने कहा, ‘आबे की कथनी और करनी में फर्क है।’ इवासा के पिता का मार्च में 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। इवासा ने कहा, ‘एक तरफ जापान अमेरिका का पक्ष लेता हुआ दिखता है तो वहीं दूसरी ओर परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध लगाने को लेकर और अधिक प्रयास करता हुआ भी दिखाई नहीं देता है।’
केइको ओगुरा हमले के समय आठ वर्ष की थीं। अब उनकी आयु 84 साल हो चुकी है। वे चाहती हैं कि गैर-परमाणु संपन्न देशों को परमाणु हथियार निषेध संधि पर हस्ताक्षर करने के लिये जापान पर दबाव डालना चाहिये।